रामचरित मानस विवाद पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिना नाम लिए इसे विवादित बनाने वालों पर कड़ा प्रहार किया है. योगी आदित्यनाथ का कहना है कि रामचरित मानस को लेकर वो लोग विवाद खड़ा कर रहे हैं जिनका विकास से कोई नाता नहीं है, जिनकों शब्दों को समझने की बुद्धि और विवेक नहीं हैं. दरअसल यह वो लोग हैं जो प्रदेश में बढ़ते निवेश के माहौल से लोगों का ध्यान भटकाना चाहते हैं और इसलिए यह लोग समाज के माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.
शब्दों के समझने का विवेक होना चाहिए
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम में इतनी समझ और विवेक तो होना चाहिए कि कौन सा शब्द किस भाषा में लिखा गया है उस शब्द की परिभाषा लोकल स्तर पर किस रूप में परिभाषित की जाती है. उन्होंने कहा कि रामचरित मानस का मुद्दा कोई नया नहीं है लेकिन आज जो लोग यह मुद्दा उठा रहे हैं उन लोगों ने प्रदेश की छवि को खराब किया है, इनका विकास का कोई एजेंडा नहीं है. इन लोगों ने प्रदेश के युवाओं के सामने पहचान का संकट खड़ा किया था, प्रदेश की आम जनता को बदहाल किया था.
बताया अनावश्यक बहस
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश बदल रहा है, निवेश आ रहा है, प्रदेश में कुछ नयापन पैदा हो रहा तो इन सभी बातों से ध्यान हटाने के लिए इस तरह के विवाद पैदा किये जा रहे हैं जिनसे समाज में वैमनस्यता बढ़े. योगी आदित्यनाथ ने बिना किसी का नाम लिए सवाल किया कि क्या इसमें कोई संदेह है कि OBC पहले हिन्दू था और आज नहीं, वो आज भी हिन्दू है. इस तरह की नई बहस को जन्म देना अनावश्यक है, इससे समाज बंटता है. बता दें कि रामचेत मानस के कुछ आशाओं के लेकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने विवादित टिप्पणी की थी जिसके बाद उत्तर प्रदेश में एक राजनीतिक भूचाल आया हुआ है और अभी तक इस मामले में चुप्पी साधे योगी आदित्यनाथ को भी बोलने पर मजबूर होना पड़ा है क्योंकि चुनावी रूप से यह बड़ा संवेदनशील मामला बनता जा रहा है. समाजवादी पार्टी इसे एक चुनावी मुद्दा बनाना चाहती है जबकि भाजपा इससे बचना चाहती है.