Nehru Memorial: केंद्र सरकार ने नेहरू मेमोरियल का नाम बदल दिया है। नेहरू मेमोरियल अब पीएम मेमोरियल के नाम से जाना जाएगा। नाम बदले जाने से कांग्रेस पीएम मोदी पर बरसी है। कांग्रेस ने इस मामले में केंद्र सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस ने कहा है कि नेहरू मेमोरियल नाम में बदलाव प्रतिशोध और संकीर्णता की राजनीति के चलते किया गया है।
दिल्ली स्थित नेहरू मेमोरियल का नाम पर अब राजनीति शुरू हो गई है। नेहरू मेमोरियल को अब पीएम मेमोरियल के नाम से जाना जाएगा। नाम बदलने से कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा है कि प्रतिशोध और संकीर्णता के कारण नाम में बदलाव किया गया है। दिल्ली की नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी को अब प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड सोसाइटी के नाम से जाना जाएगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में लगी मुहर
जानकारी के मुताबिक, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में विशेष बैठक हुई थी। जिसमें नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने के फैसले पर सहमति हुई थी। राजनाथ सिंह नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के उपाध्यक्ष भी हैं। प्रधानमंत्री इसके अध्यक्ष हैं। इनके अलावा गृहमंत्री अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान, निर्मला सीतारमण, जी किशन रेड्डी और अनुराग ठाकुर सहित 29 सदस्य इस सोसाइटी में शामिल हैं।
ये है पीएम मेमोरियल का इतिहास
एडविन लुटियंस की राजधानी का भाग रहा तीन मूर्ति भवन अंग्रेजी कार्यकाल में भारत के कमांडर इन चीफ का आधिकारिक आवास था। 1948 में जब जवाहर लाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री बने तो तीन मूर्ति भवन आधिकारिक आवास बना था। जवाहर लाल नेहरू 16 साल तक इसी भवन में रहे और यहीं पर उन्होंने अंतिम सांस भी ली थी। इसके बाद तीन मूर्ति भवन को पंडित नेहरू की याद में उनको समर्पित कर दिया गया और इसे पंडित नेहरू म्यूजियम एंड मेमोरियल के नाम से जाना जाने लगा। केंद्र सरकार ने इसका नाम नेहरू मेमोरियल से बदल पीएम म्यूजियम एंड सोसाइटी कर दिया है।
कांग्रेस ने की आलोचना
कांग्रेस ने केंद्र के फैसले की आलोचना की है। कांग्रेस के प्रवक्ता जयराम रमेश ने ट्वीट करते लिखा कि ‘नाम में बदलाव प्रतिशोध और संकीर्णता का नतीजा है। बीते 59 सालों से नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी वैश्विक बौद्धिकता का अहम स्थान और किताबों का खजाना रहा है। पीएम मोदी भारतीय राष्ट्र के वास्तुकार के नाम और विरासत को विकृत, तिरस्कृत और नष्ट करने के लिए और क्या करेंगे।
साल 2016 में पीएम मोदी ने प्रस्ताव रखा कि तीन मूर्ति परिसर में सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक म्यूजियम का निर्माण किया। उसी साल 25 नवंबर को 162वीं बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दी है। बीते साल 21 अप्रैल को पीएम संग्रहालय को जनता के लिए खोल दिया गया था।