US Debt Ceiling Bill आज अमेरिकी सीनेट ने देश को डिफ़ॉल्ट होने से रोकने के लिए यूएस डेट सीलिंग बिल(debt ceiling) पारित कर दिया। इसे अब अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन के पास हस्ताक्षर करने के लिए भेजा है।
रिपब्लिकन और डेमोक्रेट संतुष्ट नहीं
बाइडन और प्रतिनिधिसभा अध्यक्ष केविन मैकार्थी के बीच समझौता पैकेज पर जो सहमति बनी है। उससे रिपब्लिकन और डेमोक्रेट सांसद पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं। द्विदलीय मतदान में 36 के मुकाबले 63 मतों से सीनेट में बिल पास हुआ है। सीनेट में बहुमत के नेता चक शूमर ने कहा कि बिल के पास होने का मतलब है कि ‘अमेरिका राहत की सांस ले सकता है।’
उन्होंने कहा कि उधारी में चूक न हो इसलिए यह समझौता किया है। इसका मतलब कि अब अमेरिकी सरकार तय लिमिट से अधिक ऋण ले सकती है। अमेरिका संसद ने कानून बनाकर कर्ज को लेने की सीमा तय की है। जिसे ऋण सीमा (Debt Ceiling) कहते हैं। अमेरिकी संविधान के मुताबिक कांग्रेस (संसद) को सरकारी खर्च को नियंत्रित करने का अधिकार दिया है।
इसी के साथ 31.4 ट्रिलियन डॉलर ऋण सीमा (debt ceiling) हटाने से अमेरिकी सरकार को ऋण पर चूक से निपटने में मदद मिलने की उम्मीद है। राष्ट्रपति जो बाइडेन और रिपब्लिकन पार्टी के बीच हफ्तों चली बातचीत के बाद यह समझौता हुआ।
राष्ट्रपति बाइडेन ने कांग्रेस से सरकार की उधार सीमा बढ़ाने और देश का ऋण चुकाने पर डिफ़ॉल्ट होने से रोकने के लिए सौदा पारित करने का आग्रह किया था।
समझौता इतना जरूरी क्यों?
अमेरिका के ट्रेजरी विभाग का कहना है कि यदि 31.4 ट्रिलियन डॉलर ऋण सीमा नहीं हटाई जाती है, तो देश के पास एक जून को बिलों का भुगतान करने के लिए डालर की कमी हो जाएगी है। विभाग के मुताबिक, अगर जल्द से जल्द नहीं किया तो यह एक डिफ़ॉल्ट को ट्रिगर कर सकता है। जिसके चलते बाजार बुरी तरह प्रभावित होगा। इससे अमेरिका मंदी की ओर जा सकता है। इतना ही नहीं अमेरिका दिवालिया भी घोषित हो सकता है।