USA दुनिया का सबसे ताकतवार देश अमेरिका दिवालिया हो जाएगा? ऐसे कयास अर्थजगत में लगाए जा रहे हैं। जानकारों की माने तो ऐसी उम्मीद थी कि अमेरिका पांच जून तक दिवालिया हो जाएगा। हालांकि, अब स्थिति अलग है। अभी कर्ज लेने की सीमा यानी डेट सीलिंग दो साल के लिए बढ़ा दी है। ऐसे में फिलहाल दिवालिया होने का खतरा टल सा गया लगता है। खासतौर पर अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव तक स्थिति सामान्य रहने की उम्मीद है।
जानकारों का कहना है कि अमेरिका को इस समय सीमा के भीतर अपनी आर्थिक स्थिति सुधारनी होगी। सरकारी खर्चों में कटौती करनी होगी। अमेरिका में कर्ज की सीमा 31.4 ट्रिलियन डॉलर है। डील फाइनल होने के बाद आगामी बुधवार को अमेरिकी संसद में वोटिंग होगी।’
कंपनियों में छटनी और लगातार गिर रही जीडीपी दर
अमेरिका में कंपनियों ने अपने यहां छटनी तेज कर दी है। कंपनियों में हर स्तर पर कटौती जारी है। दुनिया के सबसे ताकतवर देश पर कर्ज के बोझ का असर कंपनियों पर पड़ रहा है। बाइडेन सरकार इस आर्थिक स्थिति से निपटने की कोशिश में जुटी है।
अमेरिका पर बढ़ा कर्ज?
अमेरिका पर कुल कर्ज 31.46 ट्रिलियन डॉलर यानी करीब 26 हजार लाख करोड़ रुपए से अधिक है। ये कर्ज अचानक से नहीं बढ़ा है। इस कर्ज में साल दर साल इजाफा हुआ है। 2001 के आंकड़ों देखे तो अमेरिका पर 479 लाख करोड़ रुपए का कर्ज था। 2008 में जो बढ़कर 826 लाख करोड़ रुपए हो गया।
2017 तक कर्ज में तेजी से वृद्धि हुई है। इस कर्ज की राशि बढ़कर 1670 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई। उस समय बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति थे। इसके बाद डोनाल्ड ट्रम्प का शासन आया तो 2020 में यही कर्ज बढ़कर 2224 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया। अब ये 31.46 ट्रिलियन डॉलर तक हो चुका है।
अमेरिका के हर नागरिक पर 94 हजार डॉलर का कर्ज
आंकड़ों पर नजर डाले तो अमेरिका के हर नागरिक पर 94 हजार डॉलर का कर्ज है। ये कर्ज ब्याज चुकाने के लिए अमेरिका हर रोज 1.3 अरब डॉलर की धनराशि खर्च कर रहा है। आर्थिक मामलों के जानकारों की माने तो अमेरिका पर 2019 से 2021 तक कर्ज बढ़ने के कई कारण हैं।
विकसित देश रेवेन्यू कमाने के लिए कर्ज बाजार में रुपए लगाते हैं। इसी के साथ सरकार पर बेरोजगारी बढ़ने, ब्याज दर कटौती जैसे कारणों से कर्ज बढ़ते हैं। ब्याज दर में कटौती से अमेरिका में महंगाई बढ़ी है। सरकार ने खर्च पर रोक न लगाकर कर्ज लेकर भरपाई की। कॉरपोरेट टैक्स 2019 में 35 प्रतिशत से घटाकर 21 प्रतिशत कर दिया।
इसी के साथ दुनिया में सबसे ताकतवर अमेरिका ने पिछले दशक में काफी पैसा खर्चा किया। फिलहाल, अमेरिका रूस के खिलाफ यूक्रेन को करोड़ों डालर की सहायता का चुका है। चीन से निपटने के लिए ताइवान के लिए खूब धन खर्च किया। इसके चलते अमेरिका का खर्च के साथ कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता गया। अमेरिका के कर्ज का आंकड़ा समझें तो अभी भारत की कुल GDP जितनी है। उसका 10 गुना अधिक अमेरिका पर कर्ज है। भारत ही नहीं, चीन, जापान, जर्मनी, ब्रिटेन जैसे बड़े देशों की कुल GDP से अधिक कर्ज अमेरिका पर है।