नई दिल्ली। आज देश में पैन कार्ड (Pan Card) लोगों के लिए आर्थिक पहचान का साधन बन गया है। पेन कार्ड किसी भी फाइनेंशियल काम के लिए सबसे जरूरी दस्तावेजों में से एक है। इसके बिना कोई भी वित्तीय लेन देन का काम संभव नहीं है।
पैन कार्ड (PAN Card) की मदद से आप किसी भी व्यक्ति के बारे में बहुत सी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह बैंक से लेकर नौकरी, पोस्ट ऑफिस जैसी जगहों पर काम आता है। बता दें कि बैंक अकाउंट से लेकर डीमैट अकाउंट तक खोलने के लिए पैन कार्ड की जरूरत पड़ती है। साथ ही इसका आपके आधार कार्ड से लिंक (Pand Aadhaar Link) होना भी जरूरी है।
आयकर विभाग जारी करता है पैन कार्ड
पैन कार्ड को आयकर विभाग (Income Tax Dept.) द्वारा जारी किया जाता है। इसे परमानेंट अकाउंट नंबर (Permanent Account Number) भी कहते हैं। यह 10 डिजिट का अल्फान्यूमेरिक नंबर होता है, जिसे हर कोई समझना चाहता है। बता दें कि पैन कार्ड पर दर्ज इन अल्फान्यूमेरिक नंबरों का एक खास मतलब होता है और इनमें किसी तरह की जानकारियां छिपी होती हैं। चलिए जानते हैं आपका पैन नंबर आपके बारे में क्या-क्या जानकारी देता है।
समझें PAN पर लिखे नंबर का मतलब
किसी भी पैन कार्ड में दर्ज 10 नंबरों में से पहले तीन अक्षर अल्फाबेटिक होते हैं। आयकर विभाग पैन नंबर जारी करने के लिए एक विशेष प्रक्रिया का उपयोग करता है। आपके पैन कार्ड पर दर्ज 10 नंबर अक्षरों और संख्यात्मक अंकों का संयोजन हैं। अल्फाबेटिक सीरीज में, AAA से ZZZ तक कोई भी तीन-अक्षर श्रृंखला आपके पैन कार्ड में दर्ज की जा सकती है।
पैन कार्ड पर लिखा पांचवा कैरेक्टर आपके सरनेम पर
वहीं, पैन कार्ड पर लिखा पांचवा कैरेक्टर आपके सरनेम के पहले अक्षर के बारे में बताता है। अगर आपका सरनेम कोहली है तो आपके पैन नंबर का पांचवा कैरेक्टर K होगा। इसके अलावा पैन कार्ड में एक नंबर आपके डेट आफ बर्थ का होेता है। इनमें से एक नंबर जिला कोड और स्टेट कोड का होता है। जो कि आयकर विभाग द्वारा निर्धारित किए गए हैं। ये कोड सिर्फ आयकर विभाग के पास ही होते हैं। इन कोड को आयकर विभाग के कर्मचारी और अधिकारी ही समझते हैं।