SEBI: सेबी ने स्टॉक एक्सचेंजों और क्लियरिंग कॉरपोरेशन को व्यवस्थित करने के लिए बैंक गारंटी को बंद करने की निगरानी करने को कहा है। बता दें कि ग्राहकों के शेयरों को गिरवी रखने पर निवेशकों को नुकसान हुआ है। जानकारों का कहना है कि ऐसे आदेश से ग्राहकों के फंड के दुरुपयोग की संभावना रुकेगी।
शेयर बाजार के ब्रोकरों पर लगी रोक
पूंजी बाजार नियामक सेबी ने शेयर बाजार ब्रोकरों को ग्राहकों के फंड पर बैंक गारंटी बनाने पर रोक लगाई है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि अभी तक की मौजूदा गारंटी को 30 सितंबर तक खत्म करना चाहिए। नया नियम एक मई से लागू हो गया है। वर्तमान व्यवस्था के अनुसार अब ब्रोकर और अन्य बिचौलिए ग्राहकों के फंड को बैंकों के पास गिरवी रखते हैं, जो बदले में बड़ी रकम के लिए क्लियरिंग कॉरपोरेशन को मंजूरी की गारंटी देते हैं। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Sebi) ने अपने जारी सर्कुलर में कहा कि यह प्रक्रिया विशेष रूप से ग्राहक के फंड को जोखिम में डालने वाली है।
स्टॉक एक्सचेंज और क्लियरिंग कॉरपोरेशन करेंगे निगरानी
SEBI ने स्टॉक एक्सचेंजों और क्लियरिंग कॉरपोरेशन को बैंक गारंटी को बंद करने की निगरानी करने के लिए कहा है। बता दे ग्राहकों के शेयरों को गिरवी रखने पर पहले निवेशकों को नुकसान हुआ है।
विदेशी मुद्रा में निवेश के जोखिम का प्रमाणपत्र देना जरूरी
भारतीय निवासियों को भारतीय रिजर्व बैंक RBI के गैर वितरण फारवर्ड मार्केट NDF के खुलने का लाभ उठाने के लिए foreign currency में निवेश पर जोखिम का प्रमाणपत्र देना होगा। बैंकरों ने कहा कि RBI ने इसी महीने monetary policy committee (MPCP) की बैठक में कहा कि यह IFSE बैंकिंग इकाइयों के साथ स्थानीय लोगों को भारतीय रुपए से जुड़े गैर-वितरण योग्य विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव अनुबंधों की पेशकश की मंजूरी देगा। एक IFAC बैंकिंग यूनिट (IBU) को आरबीआई की तरफ से इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेस सेंटर (IFAC) से परिचालन की मंजूरी मिलती है।