नई दिल्ली। एचडीएफसी बैंक के एचडीएफसी लिमिटेड में विलय के बाद प्राथमिक क्षेत्र के लिए उधारी जरूरतों को चरणबद्ध तरीके से तीन साल में पूरा करने के लिए आरबीआई ने अनुमति दी है। बैंक ने स्टॉक एक्सचेंजों को भी इसकी जानकारी दे दी है।
संयुक्त उपक्रम में हिस्सेदारी 50 प्रतिशत बढ़ाने को अनुमति
इसी के साथ बैंकिंग नियामक ने HDFC या HDFC Bank को विलय की प्रभावी तिथि से पहले बीमा क्षेत्र के संयुक्त उपक्रम में हिस्सेदारी 50 फीसदी से अधिक बढ़ाने की अनुमति दी है। HDFC Bank ने कहा कि RBI से इस बारे में 20 अप्रैल को पत्र मिला है।
प्राथमिक क्षेत्र की लोन आवश्यकताओं पर नियामक ने कहा है कि विलय की तारीख से पहले साल के लिए HDFC Ltd. के बकाया ऋण के एक-तिहाई को ही समायोजित शुद्ध बैंक उधारी की गणना में शामिल किया जाएगा। एचडीएफसी लिमिटेड के शेष दो-तिहाई लोन पोर्टफोलियो पर अगले दो साल में बराबर अनुपात में विचार किया जाएगा।
HDFC Ltd. की सहायक कंपनियों में निवेशक को HDFC Bank के रूप में जारी रखने की अनुमति दी गई है। RBI ने HDFC Bank या HDFC Ltd. को विलय की प्रभावी तिथि से पहले एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और HDFC ERGO General Insurance Company Limited में अपनी हिस्सेदारी 50 फीसदी से अधिक बढ़ाने की अनुमति दी है।
एचडीएफसी बैंक लेगा एचडीएफसी एजूकेशन में हिस्सेदारी
आरबीआई ने HDFC Bank को HDFC Education and Development Services Private Limited में HDFC की हिस्सेदारी लेने की भी मंजूरी दे दी है। इस कंपनी के जरिये तीन स्कूलों का संचालन किया जा रहा है।
HDFC क्रेडिला फाइनैंशियल सर्विसेज HDFC Credila Financial Services Limited में HDFC Bank को विलय की तारीख से दो साल के अंदर अपनी हिस्सेदारी घटाकर 10 फीसदी करनी होगी और इसे नए ग्राहकों को शामिल करने की अनुमति होगी। फिलहाल दोनों स्कूलों और क्रेडिला में HDFC की 100 फीसदी हिस्सेदारी है।
ब्याज दर बेंचमार्क पर RBI ने बेंचमार्क मैपिंग के लिए कहा
HDFC Bank ने कहा, ‘विलय के बाद HDFC Bank बिना कोई अपवाद के नकद आरक्षित अनुपात (CRR), सांविधिक तरलता अनुपात (SLR) और LCR की जरूरतों का अनुपालन करेगा।’ ब्याज दर बेंचमार्क पर RBI ने बेंचमार्क और स्प्रेड के लिए HDFC Bank को HDFC Ltd. के सभी कर्जदारों के लिए एकबारगी मैपिंग करने के लिए कहा है। सभी खुदरा, एमएसएमई और फ्लोटिंग दर पर HDFC Ltd. द्वारा मंजूरी ऋणों को विलय की तारीख से 6 महीने के अंदर उचित बेंचमार्क के साथ जोड़ना होगा।
बैंकिंग नियामक ने प्रवर्तकों को 20 लाख रुपये तक के शेयर के एवज में जारी किए गए ऋण को मौजूदा अवधि तक बनाए रखने की अनुमति दी है। HDFC Bankने कहा कि वह नियामक के निर्देशों पर कुछ स्पष्टीकरण के लिए RBI से संपर्क कर सकता है।