एक तरफ दक्षिण में भाजपा अपने पैर जमाने की कोशिश में लगी है, यहाँ तक मीडिया में यह बाते भी आयी थी कि प्रधानमंत्री मोदी इस बार संभवतः दक्षिण के किसी राज्य से चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन इन कोशिशों के बीच तमिलनाडु में भाजपा के नेता लगातार पार्टी से किनारा करते जा रहे हैं. इसी कड़ी में तमिलनाडु एससी विंग के राज्य महासचिव विनयागमूर्ति ने डीएमके का दामन थाम लिया है। अनुसूचित जाति अरुनथथियार समुदाय से ताल्लुक रखने वाले दलित नेता विनयागमूर्ति ने कहा कि 27 फरवरी को होने वाले इरोड पूर्व उपचुनाव में डीएमके उम्मीदवार की जीत के लिए काम करेंगे।
विनयागमूर्ति ने पकड़ा स्टालिन का दामन
विनयागमूर्ति ने कहा कि वह डीएमके उम्मीदवार ईवीकेएस एलंगोवन के प्रचार के लिए निर्वाचन क्षेत्र में यात्रा करेंगे और उन्हें जीत दिलाकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन को समर्पित करेंगे। बता दें कि इरोड पूर्व निर्वाचन क्षेत्र में 35,000 से अधिक अरुणथथियुर मतदाता हैं. विनायगमूर्ति ने बीजेपी छोड़ने का कोई कारण तो नहीं बताया लेकिन माना जा रहा है कि पार्टी अध्यक्ष अन्नामलाई की कार्यशैली ने तमिलनाडु की बीजेपी इकाई में कलह पैदा कर दी है। बता दें कि अन्नामलाई द्वारा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को सार्वजनिक रूप से अपमानित करने की शिकायतें पहले भी आ चुकी हैं, उनके इसी बर्ताव की वजह से इससे पहले तिरुचि सूर्या ने पार्टी छोड़ दी थी।
दक्षिण में पैर जमाने को भाजपा बेकरार
बता दें कि भाजपा के लिए दक्षिण में सिर्फ कर्नाटक को छोड़ और किसी भी राज्य में अभी तक कोई जगह नहीं बन पायी है. भाजपा इसबार पूरी कोशिश में है कि दक्षिण के राज्यों से उत्तर और पश्चिम के राज्यों में होने वाले नुक्सान की भरपाई की जाय. क्योंकि भाजपा को अच्छी तरह मालूम है कि यूपी, बिहार, मध्यप्रदेश आदि में वो अपना चरम छू चुकी है और इसबार उसे इन राज्यों में नुक्सान ही होना है तो उस नुक्सान की भरपाई करने के लिए ही भाजपा ने दक्षिण का रुख किया है.