नई दिल्ली। भारत ने भूटान को कम ब्याज दर पर कर्ज उपलब्ध कराया है। इसी के साथ स्टैंडबाय क्रेडिट सुविधा और 200 मिलियन अतिरिक्त मुद्रा स्वैप की सहायता दी है। इसके लिए भूटान ने भारत की सराहना की है। मुद्रा स्वैप का मतलब आपसी मुद्राओं का आदान-प्रदान करना। भूटान और भारत की तरफ से संयुक्त रूप से इसको लेकर बयान जारी किया गया।
पांच साल के लिए अतिरिक्त स्टैंडबाय क्रेडिट सुविधा
भारत पांच साल की अवधि के लिए अतिरिक्त स्टैंडबाय क्रेडिट सुविधा (एससीएफ) का विस्तार करने के भूटान के अनुरोध पर सकारात्मक रूप से विचार करने पर भी सहमत हुआ। भूटान ने 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत परियोजनाओं की सुचारू और निर्बाध प्रगति सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार (जीओआई) से धन के समय पर प्रवाह पर संतोष व्यक्त किया, जिसमें भूटान को भारत की प्रतिबद्ध योजना सहायता का लगभग 90 प्रतिशत पहले ही जारी किया जा चुका है।
पनबिजली की ज्यादा कीमत देगा भारत
इसके अलावा भूटान के आग्रह पर भारत उससे खरीदी जाने वाली पनबिजली की ज्यादा कीमत भी देने को तैयार हो गया है। भारत जो पनबिजली खरीदता है उसकी भूटान की इकोनोमी में बहुत ही अहम भूमिका है। भूटान की एक और पनबिजली परियोजना से भी भारत बिजली खरीदने को तैयार हो गया है।
भारत देगा भूटान को ये मदद
भूटान-भारत की तरफ से जारी संयुक्त बयान के अनुसार, पीएम मोदी और भूटान नरेश वांगचुक के बीच हुई वार्ता में एक तरह से भारत की तरफ से इस पड़ोसी देश को दी जाने वाली मदद का रोडमैप तैयार हुआ है। इसके तहत पांच तरह की मदद भारत देगा। इसमें भूटान में 13वीं पंचवर्षीय योजना लागू हो रही है, भारत इसके लिए मदद बढ़ाएगा। भूटान के आग्रह पर भारत ने उसे ज्यादा वित्तीय मदद देने को तैयार हो गया है।
भूटान के कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने में भी भारत मदद करेगा। जयगांव के नजदीक दोनो देशों की सीमा पर पहला इंटग्रेटेड चेक पोस्ट बनाया जाएगा। भारत-भूटान के बीच पहला रेल नेटवर्क (कोकराझार से गेलेफू तक) बनाने का काम तेज किया जाएगा। भूटान के राजा वांगचुक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आमंत्रण पर दो दिवसीय भारत यात्रा पर आए हैं।