चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद सारी दुनिया में चिंता दौड़ गयी है, जापान और अमेरिका में भी मामले काफी बढ़ने लगे हैं, ऐसे में भारत ने हालात काबू में होने के बावजूद अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं ताकि समय रहते इस महामारी को बढ़ने से रोका जा सके. इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने भारत बायोटेक द्वारा निर्मित नेज़ल वैक्सीन को बूस्टर डोज़ के रूप में मंज़ूरी दे दी है. इस नेज़ल वैक्सीन को अब लोग प्राइवेट अस्पतालों में लगवा सकते हैं. इस वैक्सीन को कोविड 19 वैक्सीनेशन प्रोग्राम में आज से ही शामिल किया गया है.
चार हज़ार लोगों पर हो चूका है ट्रायल
इससे पहले DCGI ने BBV154 नाम की इस नेजल कोविड वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी. इस वैक्सीन को नाक के जरिए स्प्रै किया जाता है, इसका उपयोग 18 साल से ऊपर के लोग कर सकते हैं. भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन का 4 हजार वॉलिंटियर्स पर क्लीनिकल ट्रायल किया गया है. जानकारी के मुताबिक किसी पर इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखा. पिछले अगस्त में इसके तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल हुआ था इसके बाद यह साफ़ हो गया था कि BBV154 वैक्सीन सुरक्षित है. भारत बायोटेक ने बताया है कि यह वैक्सीन किफायती है जो इंफेक्शन और संक्रमण को कम करेगी.
बूस्टर डोज़ लेने वालों का आंकड़ा काफी कम
बता दें कि इस वैक्सीन को सिर्फ बूस्टर डोज के तौर पर मंज़ूरी मिली है, जिसका मतलब यह हुआ कि जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ ले रखी हैं उन्हें ही ये वैक्सीन दी जाएगी. कोविन पोर्टल के डेटा के मुताबिक अब तक 95.10 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं लेकिन बूस्टर डोज़ के बारे में आंकड़ा काफी नीचे है, अभी तक केवल 22.20 करोड़ लोगों ने ही बूस्टर डोज ली है. बता दें कि नेजल वैक्सीन सीधे म्युकोसा (फेफड़ों, पाचन तंत्र में पाया जाने वाला चिपचिपा पदार्थ) में ही इम्युन रिस्पॉन्स पैदा करती है जबकि मस्कुलर वैक्सीन ऐसा नहीं कर पाती.