पूर्वांचल के डॉन कहे जाने वाले जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को इंजीनियर के अपहरण और रंगदारी मामले में MP-MLA कोर्ट ने सात साल की सजा के साथ 50 हजार का जुर्माना लगाया है. कल ही कोर्ट ने धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम सिंह को इस मामले में कुसूरवार करार दिया था. धनंजय सिंह को सात साल की सजा मिलने से अब उनके लोकसभा चुनाव लड़ने पर भी ग्रहण लग गया है.
बता दें नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने धंनजय सिंह और उनके सहयोगी संतोष विक्रम सिंह पर खराब क़्वालिटी की सामग्री की सप्लाई न कराने पर अपहरण-रंगदारी और धमकी देने के मामले में केस दर्ज कराया था. कोर्ट ने दोनों को दोषी करार देते हुए 5 मार्च को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था. अपर सत्र न्यायधीश चतुर्थ शरद चंद्र त्रिपाठी ने आज धंनजय और संतोष विक्रम सिंह को 7 साल की सजा और 50 हजार रुपए जुर्माना लगाया.
ये मामला 10 मई 2020 का है, तब लाइन बाजार थाने में नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण, रंगदारी और धमकी का मामला दर्ज हुआ था। धनंजय सिंह के साथ इस मामले में संतोष विक्रम को भी आरोपी बनाया गया था। संतोष विक्रम पर आरोप है कि वो अभिनव सिंघल का अपहरण करके धनंजय सिंह के घर ले गया था। इसके बाद पूर्व बाहुबली सांसद ने कनपटी पर पिस्टल लगाकर अभिनव सिंघल को गालियां दीं और उनपर घटिया क्वालिटी का मैटेरियल लगाने का दबाव बनाया। मामले में धनंजय सिंह को गिरफ्तार भी किया गया था। बता दें कि धनंजय सिंह को पूर्वांचल का माफिया डॉन और बाहुबली राजनेता कहा जाता है। 2002- 2007 और 2007-2009 तक उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बाहुबली धनंजय ने जौनपुर जिले के रारी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। 2009 में धनंजय ने बसपा के टिकट पर जौनपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और कामयाबी हासिल की।