लखनऊ : SUV Cars In India – चुनाव में टिकट पाए नेताजी अब क्षेत्र में अपना रसूख दिखाने में लग गए हैं। ऐसे में उनको गाड़ियों का काफिला भी चाहिए। अब रसूख छोटी गाड़ियों से दिखने वाला नहीं है तो एसयूवी सेक्शन की गाड़ियों की डिमांड बढ़ गई है। लेकिन समस्या यह है कि इसमें पहले से ही कम से कम 8 से 10 सप्ताह की वेटिंग चल रही है। नेता शोरूम में अपने – अपने संपर्क और नेटवर्क साध कर गाड़ियां निकालने में लग गए हैं। यहां तक की जिनकी बुकिंग पहले हो चुकी है, उनसे निवेदन कर रहे हैं कि गाड़ी उनको पहले लेने दिया जाए।
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लखनऊ टाटा के एसआरएम मोटर्स के मालिक पीयूष अग्रवाल का कहना है कि अभी डिमांड बढ़ी है। कंपनियां लेकिन सप्लाई नहीं दे पा रही हैं। डिमांड के अनुसार अगर कंपनी माल सप्लाई करे तो निश्चित तोर पर मुनाफा बढ़ेगा लेकिन हम डिमांड होने के बाद भी तत्काल में गाड़ियां नहीं दे पा रहे हैं। स्थिति यह है कि लोग कई जगह से पैरवी कराते हैं लेकिन उनकी मदद इस समय नहीं हो पा रही है। पुराने लखनऊ में स्थित पीआर हुंडई के मैनेजर देव का कहना है कि उनके यहां सबसे ज्यादा डिमांड क्रेटा की है लेकिन उसकी वेटिंग पहले ही चार से पांच महीने तक है। ऐसे में अभी गाड़ियां दे पाना संभव नहीं है।
बताते हैं कि चुनाव के समय निश्चित तौर पर डिमांड बढ़ जाती है। इस बार भी लोग आ रहे हैं। खासकर नेताओं की संख्या ज्यादा है लेकिन कम्पनी डिमांड के अनुसार माल नहीं दे पा रही है। इसकी वजह से 8 से 10 सप्ताह तक की वेटिंग है। ऐसे में हम चाहकर भी उनको तत्काल गाड़ी नहीं दे पा रहे हैं। वहीं, पीआर हुंडई के मैनेजर देव बताते हैं कि उनके यहां क्रेटा में छह महीने की वेटिंग चल रही है। वह बताते हैं कि हर महीने लगभग 60 गाड़ियां बुक हो रही हैं। इसकी तुलना में कंपनी हमें केवल 15 गाड़ियां दे पा रही है।
डिमांड के हिसाब से महज 35 फीसदी सप्लाई
मौजूदा समय करीब 5000 से ज्यादा एसयूवी गाड़ियों की डिमांड है। लेकिन बहुत कोशिश के बाद भी शोरूम मालिक 1500 से ज्यादा गाड़ी नहीं दे पाते हैं। स्थिति यह है कि उसमें भी हर तरह से नेता और उसके कार्यकर्ता जुगाड़ लगाने में जुटे हैं। कार देखो डॉट कॉम लखनऊ के विनीत का दावा है कि उनके पिता जी के जानने वालों को वह गाड़ी नहीं दिला पा रहे है। पिताजी के मित्र,तीन गाड़ियां चाहते हैं लेकिन उसकी व्यवस्था नहीं हो पा रही है।
पुरानी गाड़ियों की डिमांड बढ़ी
महानगर और विकास नगर इलाके में सेकेंड हैंड कार बाजार चलाने वाले संचालकों का दावा है कि मौजूदा समय जितनी गाड़ियां बिक रही हैं, उसमें सबसे ज्यादा डिमांड एसयूवी सेक्टर की गाड़ियों की है। पहले जहां महीने में 20 गाड़ियां बिकती थी, उनकी संख्या अब 35 से 40 तक पहुंच रही है। उसमें भी करीब 50 फीसदी गाड़ियां बड़ी है। मौजूदा समय कारोबारियों को रेट भी ठीक मिल रहा है। कभी तीन लाख रुपए में बिकने वाली गाड़ियों के अभी साढ़े तीन से चार लाख रुपए तक मिल रहे हैं। बाजार में अभी खरीददारों की संख्या ज्यादा है लेकिन चुनाव बाद बेचने वालों की संख्या बढ़ेगी।
पांच हजार गाड़ियां लखनऊ में बिकी
कार संचालकों का दावा है कि पिछले एक महीने में लखनऊ में करीब 5000 गाड़ियां बिकी है। नवंबर के महीने में यह संख्या 3000 तक थी। इसमें 70 फीसदी गाड़ियां एसयूवी सेक्टर से आती है। लखनऊ में अभी छोटे – बड़े करीब 80 कार – बाजार हैं।