धर्मशाला में इंग्लैंड के खिलाफ 7 मार्च से शुरू होने वाले पांचवें और अंतिम टेस्ट के दौरान भारतीय स्पिन लीजेंड रविचंद्रन अश्विन अपना 100वां टेस्ट मैच खेलने के लिए तैयार हैं, बेहद सफल कैरियर के बावजूद अश्विन का मानना है कि उन्होंने अपनी सफलता का उतना आनंद नहीं लिया जितना लेना चाहिए था और इसकी वजह थी कि वह हर दौरे के बाद और बेहतर खिलाड़ी बनने की कोशिश में जुट जाते थे. बता दें कि अश्विन ने इसी श्रंखला के राजकोट टेस्ट में 500 टेस्ट विकेट हासिल करने का माइल स्टोन हासिल किया है.
आश्विन से पहले टेस्ट क्रिकेट में सिर्फ आठ और गेंदबाज़ों ने ये कारनामा किया था, इस एलीट लिस्ट में मुथैया मुरलीधरन, शेन वार्न, जेम्स एंडरसन, स्टुअर्ट ब्रॉड, अनिल कुंबले, ग्लेन मैकग्रा, कर्टनी वॉल्श और नाथन लियोन शामिल थे जिसमें अब एक नया नाम अश्विन का जुड़ गया है. अश्विन अब धर्मशाला में अपना सौवां टेस्ट खेलकर एक और एलीट क्लब में शामिल हो जायेंगे। अश्विन से पहले 12 भारतीय क्रिकेटर्स ने 100 या उससे ज़्यादा टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें पहला नाम सुनील गावस्कर का है, उसके बाद दिलीप वेंगसरकर, कपिल देव, सचिन तेंदुलकर, अनिल कुंबले, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, लक्ष्मण, सेहवाग, हरभजन, इशांत शर्मा और विराट कोहली का नाम है.
अश्विन ने इसके अलावा घरेलू मैदानों पर 350 टेस्ट विकेट की बाधा को भी पार कर लिया है और कुंबले को पीछे छोड़ते हुए भारत के टॉप विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए। अश्विन ने 99 टेस्ट मैचों में 507 टेस्ट विकेट हासिल किये हैं। हर खिलाडी की तरह अश्विन के लिए भी 100वां टेस्ट बहुत मायने रखता है. अश्विन का कहना है कि इस मौके के लिए उनके बच्चे अधिक उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि एक खिलाड़ी की स्पोर्ट्स लाइफ के दौरान फैमिली बहुत कुछ झेलती है। बता दें कि पांच मैचों की श्रृंखला में भारत 3-1 से आगे है।