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Shark Tank India 2: क्या वादे के बाद भी पैसा नहीं दे रहे शार्क ?

एंटरटेनमेंटShark Tank India 2: क्या वादे के बाद भी पैसा नहीं दे...

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शार्क टैंक इंडिया टीवी का सबसे हटके और सफल शो माना जाता है। इस शो में आंत्रेप्रेन्योर शार्क्स के सामने अपना बिजनेस मॉडल पेश करते है। इसके बाद ‘शार्क’ को ये डिसाइड करना होता है कि वो इन कंपनियों में पैसा लगाना चाहते है कि नहीं। आपको बता दे कि अभी तक इस शो के दो सीजन आ चुके है और दोनों ही सफल रहे है और जल्द ही मेकर्स इसका तीसरा सीजन भी लाने वाले है।

आपको बता दे कि अनमोल शर्मा नाम के एक ट्विटर यूजर ने शार्क्स पर आरोप लगाया है और उसने आरोप लगाते हुए कहां कि शार्क टैंक इंडिया में ‘डिलेड फंडिंग स्कैम’ चल रहा है। अगर आपको नहीं पता है तो बता दे कि अनमोल खुद एक आंत्रेप्रेन्योर हैं। उन्होंने ट्विस्ट कर एक लंबी सीरीज शेयर करते हुए बताया कि कैसे शो के शार्क और चैनल वाले मोटा पैसा कमा रहे है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि शो में जाने वाले ज्यादा तर लोग इस स्कैम से जूझ रहे हैं।

उन्होंने अपने ट्वीट पर लिखा, “शार्क टैंक इंडिया ‘डिलेड फंडिंग’ घोटाला! आज मैं शार्क टैंक इंडिया के कई निराश और टूटे प्रतिभागियों की कहानी बताने जा रहा हूं, यह आपको यक़ीनन चौंका देगा , इन प्रतिभागियों के पास सबसे अच्छी पिच थी और उन्हें फंडिंग का वादा राष्ट्रीय टेलीविजन पर किया गया था पर उनको अब तक इन शार्क से एक पैसा तक नहीं मिला।”

चलिए शार्क टैंक इंडिया की टाइमलाइन पर नजर डालते हैं यह समझने के लिए कि कैसे ये शार्क अपने एग्रीमेंट से कैसे मुकर जाते हैं। आपको बता दे की जून से जुलाई के बीच सोनी टीवी शार्क में जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाती है। उदाहरण के तौर पर जैसे अभी शार्क टैंक सीजन 3 का रजिस्ट्रेशन लाइव हैं। उसके बाद अगस्त से नवंबर के बीच इन लोगों में से कंटेस्टेंट्स का चुनाव किया जाता है ।

दिसंबर से जनवरी के बीच, सोनी टीम ने अपने पोस्ट-प्रोडक्शन को पूरा कर लेगी और उसके बाद शार्क टैंक को प्रसारित किया जाएगा। इसके बाद ही इस कहानी में ट्विस्ट आएगा। अब एक स्टार्टअप को अगस्त से नवंबर के बीच फंडिंग का वादा किया जायेगा, वैसे तो उन्हें 2 महीने के अंदर उनका पैसा मिलना चाहिए और लीगल प्रोसीजर इससे लंबा होना भी नहीं चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं होता है जैसे ही शो प्रसारित हो जाता है , लोगो को निवेशकों से फंडिंग भी नहीं मिलती है , इतना ही नहीं उन्हें काफी दिनों तक लटकाया भी जाता है ताकि वे लोग निवेश में और देरी कर पाए और परेशान हो कर लोग खुद ही एग्रीमेंट से बाहर निकल जाएं।”

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