महाकुंभ में भगदड़ों में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 37 और गैरसरकारी आंकड़ों के अनुसार 49 श्रद्धालुओं की मौत को लेकर विपक्षी दलों के निशाने पर आए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को भगदड़ वाले स्थानों का दौरा किया और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। इसके बाद में संतों को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि कुछ लोग सनातन धर्म को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा, ” संतों ने देखा होगा कि सनातन धर्म के विरोधी चाहते थे कि आप अपना धैर्य खो दें ताकि हम हंसी का पात्र बनें, लेकिन आपने संरक्षक की तरह काम किया।” आदित्यनाथ ने कहा कि अब तक 32 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। उन्होंने कहा, “यहां से जो भी जा रहा है, वह व्यवस्था की प्रशंसा कर रहा है, लेकिन कुछ लोग सनातन धर्म के खिलाफ साजिश रचने की कोशिश कर रहे हैं. इन लोगों ने राम मंदिर आंदोलन के दौरान भी यही किया था. हमें उन पर ध्यान नहीं देना चाहिए और संतों के मार्गदर्शन में काम करना चाहिए।
बता दें कि मौनी अमावस्या के दिन दो स्थानों पर मची भगदड़ में काफी लोगों की जान चली गयी लेकिन पुलिस और प्रशासन ने मौतों की बात को छुपाने की पूरी कोशिश की, हालाँकि बाद में मामला बढ़ने पर प्रशासन को 37 मौतों की बात को स्वीकार करना पड़ा, जिसकी वजह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विपक्ष और संतों के निशाने पर आ गए. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरा नन्द ने तो केंद्र आला कुर्सियों बैठे लोगों से योगी को हटाने की मांग भी की. शंकराचार्य इस बात से ज़्यादा नाराज़ थे कि मुख्यमंत्री योगी ने मौतों की बात क्यों छिपाई। बता दें कि भगदड़ की घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया सन्देश में सिर्फ लोगों के घायल होने बात कही थी, मौतों की खबर को अफवाह बताया था.