कर्नाटक के चार बार मुख्यमंत्री रह चुके येदियुरप्पा ने भले ही चुनावी राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दी है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वो राजनीति से दूर हो गए हैं. बुधवार को उन्होंने विधानसभा में अपना अंतिम भाषण देते हुए कहा कि कि वो भाजपा के लिए चुनाव प्रचार करेंगे और भाजपा को सत्ता में दोबारा लाने के लिए पूरा ज़ोर लगा देंगे। उन्होंने कहा कि वो अंतिम सांस तक भाजपा के लिए काम करते रहेंगे.
कहा-घर बैठने वाले नहीं
येदियुरप्पा ने कहा कि वो घर पर बैठने वाले नहीं, वो पूरे राज्य का दौरा कर भाजपा उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार में जुटेंगे. येदियुरप्पा ने भाजपा विधायकों से भी अपील की कि वो जनता के बीच विशवास के साथ जांय और वोट मांगें, उन्हें जनता को पूरा समर्थन मिलेगा और भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। येदियुरप्पा ने कहा कि अगर उनकी सेहत ने साथ दिया तो वो अगले चुनाव में भी भाजपा को जिताने के लिए मैदान में निकलेंगे.
विधानसभा में दिया था भावुक भाषण
येदियुरप्पा ने कहा कि अब इसके बाद मेरा विधानसभा में आना नहीं हो पायेगा। में अब यहाँ न आ पाऊंगा और न ही बोल पाऊंगा। येदियुरप्पा ने सबका शुक्रिया अदा किया विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और पार्टी ने मुझे जो सम्मान दिया है उसे मैं जीवन भर भुला नहीं पाऊंगा। मैं कर्ज़दार हूँ पार्टी का और उस क़र्ज़ को मरते दम तक उतारता रहूंगा। बता दें कि कुछ ही महीनों में कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. भाजपा ने पिछली बार चुनाव हारने के बाद कांग्रेस समर्थित कुमारस्वामी सरकार को गिराकर एकबार फिर सत्ता हासिल की थी और येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने थे, बाद में उन्हें हटाकर बसवराज बोम्मई को भाजपा सरकार का मुख्यमंत्री बना दिया गया था. येदियुरप्पा एकबार फिर मुख्यमंत्री बनने के लिए प्रयासरत थे लेकिन पार्टी आला कमान से मिले संकेतों के बाद वो दौड़ से अलग हो गए चुनावी राजनीति से दूर रहने का फैसला किया।