कोरोना महामारी और उसके बाद इस वायरस के जितने भी वैरिएंट सामने आये हैं सबमें एक बात कॉमन है और वो ये सब चकमा देने में माहिर हैं , हर वैरिएंट के बारे में विशेषज्ञों की अलग अलग राय हो सकती हैं लेकिन एक राय कॉमन है और वो है चकमा देने वाली, अब एकबार फिर कोरिना के नए वैरिएंट JN.1 के बारे में भी चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया यही बात कर रहे हैं. उनका कहना है कि ये नया वैरिएंट इसलिए तेज़ी से फ़ैल रहा है क्योंकि इसमें चकमा देने की क्षमता ज़्यादा है. डॉ गुलेरिया ने लोगों को सतर्क रहने को कहा है. डॉ गुलेरिया के मुताबिक अच्छी बात ये है कि इस नए वैरिएंट से मौतें कम हो रही हैं। लेकिन क्या ये सही बात है क्योंकि 6 से ज़्यादा मौतें तो रिपोर्ट हो चुकी हैं।
वैसे अभी तक अस्पतालों में कोविड के मरीज़ों को लेकर कोई अफरा तफरी नहीं दिख रही है , ये अच्छी बात भी है और शायद ऐसा इसलिए भी है कि लोग भी कोरोना को लेकर काफी जागरूक हो चुके हैं इसलिए इस तरह की ख़बरों से पैनिक नहीं हो रहे हैं. वैसे कोरोना मामलों के बढ़ने की रफ़्तार से सरकार के कान ज़रूर खड़े हुए हैं और लगातार निर्देश भी जारी हो रहे हैं. अगर देश में एक्टिव केसों की बात करें तो ये संख्या तीन हज़ार से ज़्यादा है , ये संख्या और भी ज़्यादा हो सकती है लेकिन लोग रिपोर्ट नहीं कर रहे हैं. डॉक्टर्स भी इसे एक माइल्ड वैरिएंट बता रहे हैं.
वहीँ कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच WHO की पूर्व मुख्य साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामिनाथन ने भी इत्मीनान दिलाया है कि भारत के लोगों को डरने के बजाय सावधान रहने की जरूरत है. कोरोना के जो नियम हैं उन्हें अपनाने की ज़रुरत है, भीड़भाड़ वाले इलाकों में एहतियातन मास्क लगाना ज़रूरी, सफाई का ध्यान रखा जाय और जितना संभव हो सके सोशल डिस्टैन्सिंग को अपनाया जाय. बता दें कि देश में कोरोना के नए मामले दक्षिण के तीन प्रदेशों केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में ज़्यादा रिपोर्ट किये जा रहे हैं. इन राज्यों के लिए केंद्र की ओर से एडवाइजरी भी जारी की गयी है. एडवाइजरी के अनुसार अगर संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं तो निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर से परामर्श ज़रूर करें ताकि ज़रुरत हो तो कोविड-19 का परीक्षण कर समय पर उपचार किया जा सके.