वर्ण व्यवस्था और पंडितों पर दिए गए संघ प्रमुख के बयान को राम चरित मानस विवाद से चर्चित सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने सराहा है. सपा एमएलसी ने मोहन भागवत के बयान की तारीफ करते हुए कहा कि रामचरित मानस से विवादित अंश हटाने में कम से कम अब तो धर्म के ठेकेदार आगे आएं. उन्होंने कहा कि श्री भागवत ने जाति व्यवस्था के पीछे पंडितों का हाथ बताकर दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, महिलाओं को गाली देने वाले धर्म के ढोंगी ठेकेदारों की कलाई खोलकर सामने रख दी.
संघ प्रमुख ग्रन्थ से जातिसूचक शब्दों को हटवाएं
स्वामी प्रसाद मौर्य ने भागवत के बयान पर कहा कि अगर उन्होंने मन से ये बयान दिया है तो फिर रामचरित मानस से जातिसूचक शब्दों को हटवाने के लिए केंद्र सरकार से कहने की हिम्मत दिखाएँ, सिर्फ इस तरह की बयानबाज़ी करके लीपापोती न करें। बता दें कि मोहन भागवत ने मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि जातियाँ पंडितों ने बनाई हैं भगवान् ने नहीं। भगवान् के सामने सब समान हैं, वहाँ कोई वर्ण कोई जाति नहीं। संघ प्रमुख ने चेताया था कि इस बटवारे की वजह बाहर से आकर लोगों ने देश में राज किया। माना जा रहा है कि संघ प्रमुख का यह बयान इन दिनों बिहार और उत्तर प्रदेश में रामचरित मानस के कुछ अंशो पर विवाद बढ़ने की वजह से आया है.
अखिलेश ने कहा-जो गलत है वो गलत है
बता दें कि बिहार के शिक्षा मंत्री के बाद सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस के कुछ अंशों को ग्रन्थ से हटाने की बात कही थी. उनपर रामचरित मानस की प्रतियां जलाने का भी आरोप है और FIR भी दर्ज हो चुकी है. इस विवाद को लेकर भाजपा नेता जहाँ मुखर हो गए हैं वहीँ हिन्दू संगठनों ने भी मोर्चा खोल दिया है. धीरे धीरे यह मामला सियासी होता जा रहा है. समाजवादी पार्टी इस मुद्दे को लगातार हवा दे रही है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी कल कहा कि रामचरित मानस से उन्हें कोई ऐतराज़ नहीं, वो रोज़ सुबह एक घंटा भजन सुनते हैं लेकिन जो गलत है वो गलत है. उनका यह बयान भी एक तरह से स्वामी प्रसाद मौर्य की मांग का समर्थन करता है.