लखनऊ में 24 जनवरी की रात को अचानक ढह गए अलाया अपार्टमेंट में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अब्बास हैदर की माँ और पत्नी उज़्मा की मौत हो गयी. उन्हें हादसे के लगभग 17 घंटे बाद मलबे से निकाला गया लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अब सपा नेता ने पूरे मामले में प्रशासनिक लापरवाई का आरोप लगाते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन को एक तमाशा बताया है. सपा नेता का कहना है मलबे में दबे लोगों को न तो ऑक्सीजन पहुंचाई गयी और न ही सही जगह पर ड्रिलिंग की गयी. सपा प्रवक्ता अब्बास हैदर ने कहा कि उनकी पत्नी की मौत दम घुटने से हुई. रेस्क्यू टीम ने अगर सही से कार्रवाई की होती तो उनकी माँ और पत्नी की जान बच गयी होती।
टॉप floor पर रहता था हैदर परिवार
बता दें कि इस चार मंज़िला ईमारत के ऊपर बने पेंट हाउस में हैदर परिवार रहता था. जिस वक्त हादसा हुआ उस वक्त हैदर अब्बास अपने पिता अमीर हैदर और माता और पत्नी के साथ मौजूद थे. पिता और पुत्र को तो फ़ौरन निकाल लिया गया था लेकिन माँ और पत्नी मलबे में दब गए थे जिन्हें आज निकाला जा सका लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. सपा नेता का आरोप है कि सरकार के मंत्री और संतरी वहां पर सिर्फ फोटो खिंचाने पर लगे हुए ताकि वो दिखा सकें कि वो कितना चिंतित है, इसकी जगह पर अगर सही ढंग से रेस्क्यू कार्रवाई की तरफ ध्यान दिया गया होता तो आज मेरी माँ और पत्नी ज़िंदा होतीं. बता दें कि हादसे की खबर लगते हुए सबसे पहले पहुँचने वालों में राज्य के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक थे, वो परेशान हैदर परिवार को ढाढस बंधाते हुए देखे गए.
दोषियों के खिलाफ FIR दर्ज
वहीँ इस पूरे मामले में सरकार काफी एक्टिव हो गयी है, मुख्यमंत्री ने जांच कमिटी बनाकर दोषियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इस मामले में मेरठ से सपा विधायक शाहिद मंज़ूर के बेटे नवाज़िश को हिरासत में ले लिया गया है और अपार्टमेंट को बनाने वाले यज़दान बिल्डर्स के प्रमोटर फहद यजदानी, ज़मीन के मालिक नवाज़िश और तारिक के खिलाफ FIR दर्ज हो चुकी है, चूँकि अब इस हादसे में दो मौतें भी हो चुकी हैं इसलिए संभव है कि गैर इरादतन हत्या की भी धरा को जोड़ा जाय.