लखनऊ/ मेरठ। बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से चारों ओर हाहाकार मच गया है। मेरठ और अन्य जिलों में बिजली कटौती से हाहाकार मच गया है। मेरठ के अधिकांश इलाके अंधेरे में डूबे हुए है। यहीं हाल राज्य के अन्य जिलों का भी है।
राज्य में बिजली संकट के पैदा हुए हालात पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। मामले में कर्मचारी नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के साथ संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने आज शनिवार को मुख्यमंत्री योगी के साथ बैठक कर उन्हें स्थिति से अवगत कराया।
यूपी सरकार ने हड़ताली बिजली कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। शनिवार दोपहर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक के बाद प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने हड़ताल पर गए कर्मचारियों को शाम छह बजे तक काम पर लौटने की चेतावनी दी थी। हालांकि, उसके पहले 22 कर्मचारी नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
इन सबके खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई की गई है। वहीं, 1300 संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया है। हड़ताल के चलते बिजली संकट उत्पन्न हो गया है। फैक्टरियों में उत्पादन ठप है और जलापूर्ति भी बाधित हो गई है।
ऊर्जा मंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हुई बैठक के बाद मीडिया बताया कि मुख्यमंत्री को पूरे मामले से अवगत कराया है। विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के 22 नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। इन लोगों के खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई होगी। इनमें से छह को निलंबित किया जा रहा है।