depo 25 bonus 25 to 5x Daftar SBOBET

निकाय चुनाव की जमीन पर BJP कर रही 2024 की तैयारी, जाति समीकरण साधने की कोशिश

उत्तर प्रदेशनिकाय चुनाव की जमीन पर BJP कर रही 2024 की तैयारी, जाति...

Date:

लखनऊ। आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव में भाजपा ने परंपरागत ब्राह्मण और वैश्य वोट बैंक साधने की कोशिश की है। भाजपा ने 17 में से पांच नगर निगम में ब्राह्मण और पांच में वैश्य समाज के कार्यकर्ता को महापौर प्रत्याशी बनाया हैं। भाजपा ने निकाय चुनाव में पिछड़े व दलित वोट बैंक को प्रतिनिधित्व देकर सामाजिक समीकरण बनाने की कोशिश की है।

लोकसभा चुनाव में मिशन 80 का लक्ष्य रखा

सामान्य वर्ग में ब्राह्मण, ठाकुर, वैश्य और कायस्थ समाज को भाजपा का सबसे पुराना परंपरागत वोट बैंक माना जाता है। भाजपा ने लोकसभा चुनाव में मिशन 80 का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पार्टी ने निकाय चुनाव से ही अपने परंपरागत वोट बैंक के साथ पिछड़े व दलित वर्ग में भी अपने बड़े वोट बैंक को संतुष्ट करने की रणनीति अपनाई है।

भाजपा की ओर से 16 अप्रैल को घोषित 10 नगर निगम महापौर प्रत्याशी की सूची में तीन वैश्य, दो ब्राह्मण, एक कुर्मी, एक तेली, एक कोरी, एक धोबी और एक कायस्थ समाज के कार्यकर्ता को टिकट दिया था। रविवार रात घोषित दूसरे चरण के 7 नगर निगम के महापौर प्रत्याशी में पार्टी ने तीन ब्राह्मण, दो वैश्य, एक कलाल, एक कुर्मी और एक कलाल समाज के कार्यकर्ता को टिकट दिया है। इस तरह महापौर चुनाव में भाजपा ने पांच ब्राह्मण, पांच वैश्य, दो कुर्मी, एक कोरी, एक धोबी, एक तेली, एक कलाल और एक कायस्थ समाज के कार्यकर्ता को मौका दिया है।
पार्टी ने वाराणसी नगर निगम में अशोक तिवारी, लखनऊ नगर निगम में सुषमा खर्कवाल, अयोध्या के प्रत्याशी गिरिशपति त्रिपाठी, कानपुर की प्रत्याशी प्रमिल पांडेय, बरेली के प्रत्याशी उमेश गौतम ब्राह्मण समाज से हैं। वहीं मुरादाबाद नगर निगम से विनोद अग्रवाल, मथुरा-वृंदावन नगर निगम में विनोद अग्रवाल, प्रयागराज नगर निगम में उमेश चंद्र खर्कवाल, गाजियाबाद से महापौर प्रत्याशी सुनीता दयाल और अलीगढ़ के महापौर प्रत्याशी प्रशांत सिंघल वैश्य समाज से हैं। गोरखपुर नगर निगम से प्रत्याशी डॉ. मगलेश श्रीवास्तव कायस्थ समाज से हैं।

पिछड़ों और दलितों का संतुलन भी साधा

पिछड़े वर्ग में कुर्मी और तेली समाज को भाजपा का बड़ा वोट बैंक माना जाता है। पार्टी ने सहारनपुर नगर निगम में अजय कुमार और शाहजहांपुर नगर निगम में कुर्मी समाज की अर्चना वर्मा को टिकट देकर कुर्मी समाज को कुल दो सीट दी है। वहीं फिरोजाबाद नगर निगम में तेली समाज की कामिनी राठौर को प्रत्याशी बनाया है। वहीं मेरठ नगर निगम के महापौर प्रत्याशी हरीकांत आहलूवालिया पंजाबी कलाल समाज से हैं। अनुसूचित जाति वर्ग में झांसी नगर निगम से बिहारी लाल वर्मा कोरी समाज से हैं। आगरा नगर निगम महापौर प्रत्याशी हेमलता दिवाकर धोबी समाज से हैं।

जिम्मेदारों पर फिर जताया भरोसा

भाजपा ने 16 नगर निगम में से 13 नगर निगम में नए चेहरों को मौका दिया है। शाहजहांपुर नगर निगम में पहली बार चुनाव हो रहे हैं। वहीं आरक्षण बदलने या जनता से मिले फीडबैक के आधार पर 11 निवर्तमान महापौर के टिकट काट दिए गए हैं। 2017 में अलीगढ़ और मेरठ में बसपा के महापौर विजयी हुए थे। वहीं पार्टी की रीति नीति और अपेक्षा पर खरा उतरने के चलते मुरादाबाद नगर निगम के निवर्तमान महापौर विनोद अग्रवाल, बरेली नगर निगम के निवर्तमान महापौर उमेश गौतम और कानपुर नगर निगम की निवर्तमान महापौर प्रमिला पांडेय को फिर मौका दिया गया है।

परिवारवाद से दूर, कार्यकर्ताओं को मौका

भाजपा ने महापौर चुनाव के दूसरे चरण में भी परिवारवाद से दूरी बनाने की कोशिश की है। नगर पालिका परिषद अध्यक्ष और नगर निगम महापौर प्रत्याशी में किसी भी सांसद, विधायक और मंत्री के परिवारजन को प्रत्याशी नहीं बनाया है। वहीं 17 नगर निगम में एक प्रदेश उपाध्यक्ष, एक क्षेत्रीय मंत्री, दो महानगर अध्यक्ष, एक प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, पूर्व विधायक को प्रत्याशी बनाकर कार्यकर्ताओं को संदेश देने की कोशिश की है कि पार्टी को उनकी चिंता है। हालांकि चुनाव जीत के लिए शाहजहांपुर नगर निगम में चंद घंटे पहले सपा से आई अर्चना वर्मा को भी प्रत्याशी बनाया गया है।

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related