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यूएस फेड ने ब्याज दर घटाई, अमरीकी बाजार में निगेटिव रेस्पॉन्स, भारत कैसे करेगा रियेक्ट

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ब्याज दर पर अमेरिकी फेड के फैसले के बाद बुधवार को अमेरिकी शेयर बाजारों ने निराशा जताई और मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की कटौती करने का फैसला किया। फेड के इस फैसले से नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले कर्ज सस्ते हो जाएंगे। घोषणा के बाद बेंचमार्क इंडेक्स में 1% तक की तेजी आई, लेकिन फिर बढ़त कम हो गई और अंत में इंडेक्स लाल निशान में बंद हुआ। डॉव और एसएंडपी 500 ने इंट्राडे में ऊंचाई को छुआ, लेकिन बाद में कमजोर पड़ गए।

फेड को पूरा भरोसा है कि मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। अब फेड श्रम बाजार पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसे देखते हुए उसने आधे प्रतिशत की कटौती की। फेड ने ब्याज दरों में कटौती के चक्र की शुरुआत बड़ी कटौती से की है। फेड ने यह बड़ी ब्याज दर कटौती जॉब मार्केट में धीमी ग्रोथ को देखते हुए की है। हालांकि, फेड ने मंदी के बारे में कुछ नहीं कहा। विशेषज्ञों के अनुसार, इस साल यानी 2024 में ब्याज दरों में 0.50 प्रतिशत की और कटौती की उम्मीद है। फेड का अनुमान है कि ब्याज दरों में कटौती को आगे बढ़ाकर वे बेरोजगारी को 4.4 प्रतिशत और मुद्रास्फीति को जल्द ही लक्ष्य स्तर पर ला सकते हैं।

बुधवार को डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 103.08 अंक या 0.25% गिरकर 41,503.10 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 16.32 अंक या 0.29% गिरकर 5,618.26 पर बंद हुआ। नैस्डैक कंपोजिट 54.76 अंक या 0.31% गिरकर 17,573.30 पर बंद हुआ। बाजार अब फेड की नवंबर की बैठक में कम से कम 25 आधार अंकों (0.25%) की दर कटौती की उम्मीद कर रहे हैं, जबकि 0.50 प्रतिशत की और कटौती की संभावना 35% है।

भले ही फेड के फैसले से अमेरिका में मंदी के कुछ संकेत मिलते हों, लेकिन भारतीय बाजार पर नकारात्मक प्रभाव की संभावना नहीं है। पिछले 34 वर्षों में, यूएस फेड ने छह बार दर में कटौती और दर में बढ़ोतरी की है। भारतीय बाजारों के लिए सबसे अनुकूल अवधि जुलाई 1990 से फरवरी 1994 तक फेड के दर कटौती चक्र के दौरान थी। उस दौरान निफ्टी में 310% की वृद्धि हुई। जून 2004 से सितंबर 2007 तक दर वृद्धि चक्र भी 202% की वृद्धि के साथ लाभदायक साबित हुआ। हालांकि, निफ्टी ने दो दर वृद्धि चक्रों के दौरान नकारात्मक रिटर्न दिखाया। पहला फरवरी 1994 से जुलाई 1995 तक था, जब इसमें 23% की गिरावट आई थी। दूसरा मार्च 1997 से सितंबर 1998 तक था, जब इसमें 14% की गिरावट आई थी।

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