पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में उम्मीदवारों की नाराज़गी और कांग्रेस पार्टी द्वारा इसे राजनीतिक मुद्दा बनाना रंग लाया। लोकसभा चुनाव सिर पर होने और मामले का राजनीतिकरण होने के भय से प्रदेश की योगी सरकार ने कार्रवाई करते हुए भर्ती परीक्षा को निरस्त कर दिया है और एसटीएफ को इसकी जांच सौंपी है, इस मामले में एफआईआर दर्ज करके दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी जारी किये हैं. बता दें कि पुलिस भर्ती परीक्षा के दिन बहुत से छात्रों ने पेपर लीक होने का आरोप लगाया था। वाराणसी, प्रयागराज और लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन हुए थे। छात्रों के विरोध प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे.
पेपर लॉक मामले को लेकर यूपी में भारत जोड़ो यात्रा पर इन दिनों चल रहे राहुल गाँधी ने इसे एक बड़ा मुद्दा बना दिया। अपनी सभी सभाओं में उन्होंने पेपर लीक माले को लेकर भाजपा और मोदी-योगी पर सीधा हमला बोला. इंडिया गठबंधन में कांग्रेस की सहयोगी समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी छात्रों के जीवन से खिलवाड़ का आरोप लगाया। अखिलेश ने कहा था कि पेपर लीक होने के बाद अगर एक लाख अभ्यर्थी सौ में सौ नंबर लाते हैं तो क्या योगी सरकार सभी को नौकरी देगी।
विपक्ष के हमले से सत्ताधारी भाजपा सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा और मुख्यमंत्री योगी को परीक्षा रद्द करने के निर्देश देने पड़े. मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं की मेहनत के साथ खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इसके साथ ही निरस्त परीक्षा 6 महीने के अंदर दोबारा कराने के निर्देश भी दिए हैं.