उबर एक मल्टीनेशनल कंपनी है जो 70 से अधिक देशों में कामयाबी के साथ कार कैब में अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है लेकिन भारत के बारे में उसका अनुभव अभी तक अच्छा नहीं रहा है. उबर के सीईओ दारा खोसरोशाही भारत को सबसे चैलेंजिंग बाजार मानते हैं क्योंकि यहाँ पर लोगो की कम खर्च में ज़्यादा पाने की हमेशा सोच रही है जो कंपनी की सोच से थोड़ा अलग। कंपनी का मानना है कि बेहतर सेवा के लिए बेहतर pay भी करना होता है। भारत में उबर के पिछड़ने और ओला के उभरने की यही वजह है.
लेकिन दारा खोसरोशाही भारत में मिल रहे चैलेन्ज को एक अवसर भी मानते हैं, एक ऐसी सीख भी मानते हैं जो उन्हें दूसरे देशों में कंपनी का कारोबार बढ़ाने में मदद करेगी। खोसरोशाही भारत में मिल रहे चैलेंजों पर एक सकारात्मक नजरिया रखते हैं. वो आम भारतीय की इस सोच से भी इत्तेफाक रखते हैं कि कम पैसे में ज़्यादा सुविधा हासिल करना कोई गलत बात नहीं। खोसरोशाही का कहना है कि भारत में पेश आ रही कठिन चुनातियों के बीच सफलता हासिल करके अन्य देशों में उस सफलता को भुनाया जा सकता है. अगर हम भारत में सफल हो गए तो फिर दुनिया के किसी देश में सफल हो सकते हैं.
2013 में बंगलुरु से कार कैब शुरू करने वाली उबर इस समय भारत के 125 शहरों में अपनी सेवाएं दे रही है। खोसरोशाही के मुताबिक कंपनी जल्द ही लो कास्ट सर्विस सेगमेंट जैसे ट्व व्हीलर और थ्री व्हीलर में उतरने की योजना बना रही है. इसके अलावा अफोर्डेबल सर्विसेज मुहैया कराने के लिए ज्यादा क्षमता वाली उबर बस भी लाने की योजना है ताकि आम जनता के बीच अपनी पहुँच को ज़्यादा से ज़्यादा पहुँचाया जा सके. कम्पनी का फोकस अब अपर मिडिल क्लास के अलावा मिडिल क्लास और लोवर मिडिल क्लास पर है। इसके अलावा उबर अपने एप्प पर अन्य सेवाएं भी शुरू करने जा रही जिसके लिए उसने ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स के साथ करार किया है.