- सेवानिवृत्त लोगों को अब 25 साल की न्यूनतम योग्यता सेवा के लिए पेंशन के रूप में सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में उनके औसत मूल वेतन का 50 % प्राप्त होगा। कम से कम 10 वर्ष साल की सर्विस तक और कम सेवा अवधि के लिए आनुपातिक।
- सरकार अपना अंशदान 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 18.5 प्रतिशत कर रही है। कर्मचारी अंशदान में वृद्धि नहीं होगी।
- पेंशनभोगी की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु की स्थिति में, उनके परिवार को कर्मचारी को मिलने वाली पेंशन का 60% मिलेगा।
- न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर पेंशन के रूप में 10,000 रुपये प्रति माह।
- पेंशन को इन्फ्लेशन के मुताबिक इंडेक्स किया जाएगा।
- ग्रेच्युटी के अलावा सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त भुगतान। सेवा के प्रत्येक पूर्ण छह महीने के लिए सेवानिवृत्ति की तिथि पर मासिक परिलब्धियों (वेतन + डीए) का 1/10वां हिस्सा। इस भुगतान से सुनिश्चित पेंशन की मात्रा कम नहीं होगी।
- यूनिफाइड पेंशन स्कीम के प्रावधान न्यू पेंशन स्कीम के पिछले रिटायर्ड कर्मचारियों (जो पहले ही रिटायर हो चुके हैं) पर लागू होंगे। पिछली अवधि के बकाया का भुगतान PPF दरों पर ब्याज के साथ किया जाएगा।
- यूपीएस कर्मचारियों के लिए एक विकल्प के रूप में उपलब्ध होगा। एनपीएस के साथ मौजूदा एनपीएस/वीआरएस के साथ-साथ भविष्य के कर्मचारियों के पास यूपीएस में शामिल होने का विकल्प होगा। एक बार चुने जाने के बाद, विकल्प अंतिम होगा।
- यूपीएस को केंद्र सरकार द्वारा लागू किया जा रहा है। इससे 23 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
- इसी आर्किटेक्चर को राज्य सरकारों द्वारा अपनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यदि राज्य सरकारें भी इसे अपनाती हैं, तो इससे 90 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिल सकता है जो वर्तमान में एनपीएस पर हैं।
10 सरल बिंदुओं में समझिये यूनिफाइड पेंशन स्कीम
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