Tulsidas kis kaal ke kavi the: हेलो दोस्तों, आप सब कैसे हैं? मुझे आशा है कि आप ठीक होंगे! इस लेख में आपका स्वागत है। मुझे यकीन है कि आपने पहले तुलसीदास जी की कविताएँ या छंद पढ़े होंगे। मगर क्या आपने कभी सोचा कि आखिर Tulsidas kis kaal ke kavi the यदि नहीं, तो इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़े। क्योंकि आज हम इसी विषय पर चर्चा करने वाले हैं और तुलसीदास जी से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने जा रहे हैं, तो चलिए बिना किसी देरी के इस लेख को शुरू करते हैं।
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तुलसी किस काल के कवि थे? | Tulsidas kis kaal ke kavi the
तुलसी एक अत्यंत प्रतिभाशाली कवि थे जो भक्ति काल के महान कवि थे। तुलसी जी, जिन्हें तुस्लीदाश के नाम से भी जाना जाता है, यह प्राचीन समय के एक बहुत प्रसिद्ध कवियों से एक थे। उन्होंने अपनी कला की बदौलत कई बड़े-बड़े राजा-महाराजाओं के दिलों पर राज किया है।
दोस्तों आप अंदाजा लगा सकते हैं कि तुलसीदास कितने प्रसिद्ध कवि थे, क्योंकि उनके द्वारा लिखी गई कविताएं और दोहे आज भी स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाए जाते हैं। उन्होंने प्राचीन काल में इतनी अद्भुत कविताएँ और दोहे लिखे हैं कि उनका अर्थ स्पष्ट और स्वच्छ निकलता है। ये कविताएँ हमें एक अच्छा जीवन जीने का तरीका जानने में मदद करती हैं। तुलसीदास जी द्वारा लिखी गई कविताओं और दोहों को ऐसे ही नहीं किताबों में शामिल किया गया है, बल्कि उनकी कविताओं को उनके अर्थ के आधार पर किताबों में दर्जा दिया गया है। ताकि हमारी पीढ़ी के बच्चे और युवा इसे पढ़ सकें, समझ सकें और उन सभी गुणों को अपने जीवन में ला सकें।
तुलसीदास कौन थे? | Who was tulsidas?
तुलसीदास प्राचीन समय के एक महान लेखक थे। उन्होंने राम चरित्र मानस जैसे एक बहुत बड़ी ग्रंथ की रचना की थीं। तुलसीदास को कवि का दर्जा भी दिया जाता है। उन्होंने प्राचीन समय में बहुत सारी महत्वपूर्ण कविताएँ और दोहे लिखी थीं, जिनका उपयोग आज भी स्कूल की किताबों में कविताओं और दोहे के रूप में किया जा रहा है।
तुलसीदास भक्ति काल के कवि थे, दोस्तों अगर हम तुलसीदास जी की जीवनी की बात करें तो तुलसीदास जी का जन्म 1532 ई. में राजापुर नगर (बांदा जिला) नामक स्थान पर हुआ था तुलसीदास जी बहुत बुद्धिमान व्यक्ति थे। उनका पूरा नाम गोस्वामी तुलसीदास था। तुलसीदास जी का नाम राम बोला था। उनके पिता का नाम आत्मा राम दुबे, माता का नाम हुलसी बाई था। और उनकी पत्नी का नाम रत्नावली था।
तुलसीदास जी के नर हरिदास नाम के एक गुरु थे जिन्होंने उनकी शिक्षा और विकास में बहुत मदद की। तुलसीदास जी पेशे से संत, कवि और लेखक थे। दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि तुलसीदास जी 32 दांतों के साथ पैदा हुए थे? तुलसीदास छोटी उम्र से ही अद्वितीय थे क्योंकि प्रत्येक बच्चा अपनी माँ के गर्भ में पलते हुए लगभग 9 महीने बिताता है। लेकिन तुलसीदास जी लगभग 12 महीने तक अपनी माँ के गर्भ में ही रहे। तुलसीदास जी का जन्म 1623 ई. में वाराणसी में हुआ था।
तुलसीदास जी की रचनाएं | Creations of Tulsidas ji
दोस्तों! तुलसीदास जी अपने जीवन काल में बहुत सारे महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध ग्रंथों की रचना की। हमने उनके सभी महत्वपूर्ण ग्रंथों को नीचे लिखा है, इसलिए उन्हें ध्यान से पढ़ें और समझने का प्रयास करें।
- रामचरितमानस
- बरवै रामायण
- कलिधर्माधर्म निरुपण
- हनुमान चालीसा
- राम शलाका
- संकट मोचन
- छंदावली रामायण
- कुंडलिया रामायण
- झूलना
- छप्पय रामायण
- कवित्त रामायण
- करखा रामायण
- रोला रामायण
दोस्तों, आज भी लोग तुलसीदास जी की रचनाएँ पढ़ते हैं और उनकी कहानियों में छिपे रहस्यों को पसंद करते हैं।
अंतिम शब्द | Last Words
दोस्तो! मुझे आशा है कि आपको मेरा लेख बहुत पसंद आया होगा। आप इस लेख की मदद से जान गए होंगे कि Tulsidas kis kaal ke kavi the हमने इस आर्टिकल में आपको इससे जुड़ी सारी जानकारी सबसे सरल भाषा में देने की कोशिश की है।