अच्छी सड़कों पर अगर चलना है तो फिर आपको अपनी जेब ढीली करनी होगी। एक्सप्रेससवे का कल्चर जब शुरू हुआ तो लोगों को बहुत मज़ा आया. सभी को लगा कि अब फर्राटा भरते हुए अपने गंतव्य तक पहुंचेंगे। हुआ भी ऐसा ही लेकिन समय के साथ इन सड़कों जिन्हें एक्सप्रेसवे का नाम दिया गया चलना मंहगा होता चला गया. रोड टैक्स के रूप में एकमुश्त हज़ारों रूपये सरकार को चुकाने के बावजूद एक्सप्रेस वे पर चलने के लिए टोल देना पड़ता है. यूपी में यह टोल अब और भी मंहगा होने जा रहा है क्योंकि यूपी के चार एक्सप्रेससवे पर शुल्क में 5 फीसदी की बढ़ोतरी होने की बात हो रही है।
यूपीडा ने कंसल्टेंट कंपनियों को आमंत्रित भी कर लिया है। जिन चार एक्सप्रेसवे पर टोल शुल्क बढ़ने जा रहा है उनमें आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे शामिल हैं । एक्सप्रेसवे का टोल टैक्स एक अप्रैल से थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर बढ़ाया जाता है। नई टोल दरों की गणना एकतरफा यात्रा, वापसी यात्रा, मासिक पास के हिसाब से की जाएगी। पिछले साल भी आम चुनाव के चलते टोल टैक्स बढ़ाया गया था। उस समय कार, दोपहिया और तिपहिया वाहनों को इससे मुक्त रखा गया था और इन पर टोल शुल्क नहीं बढ़ाया गया था। फिलहाल सबसे ज्यादा टोल शुल्क बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का है। यहां औसत टोल शुल्क आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से भी ज्यादा है। इस बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर एक तरफ का औसत टोल शुल्क 9.24 रुपये प्रति किमी है। वहीं, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का औसत टोल शुल्क 8.63 रुपये है। अब इन पर शुल्क 5 फीसदी और बढ़ सकता है।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस का इस्तेमाल सिर्फ उत्तर प्रदेश के लोग ही नहीं बल्कि बिहार और बंगाल के लोग भी करते हैं। वहीं, दिल्ली, हरियाणा और मध्य प्रदेश के लोग भी इन एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में इन एक्सप्रेसवे पर सफर करने वाले लोगों की जेब पर असर पड़ेगा। यदि अप्रैल में टोल टैक्स बढ़ाया जाता है तो संभव है कि अप्रैल से इन चारों एक्सप्रेस-वे पर टोल टैक्स बढ़ा दिया जाए।