देहरादून। उप्र के कानपुर का चर्चित बिकरू कांड भला कौन भूल सकता है। जिसमें एक अकेले युवक ने कई पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था। उसके बाद से पूरे देश में हड़कंप मच गया था। कुछ ऐसा ही उत्तराखंड के भरतपुर में दोहराने की कोशिश 50 हजारी खनन माफिया जफर ने की थी। बुधवार रात खनन माफिया इनामी जफर का पीछा करते हुए पुलिस की टीम भरतपुर स्थित एक मकान में पहुंची थी। जहां पर खनन माफिया और उसके साथियों ने पुलिस टीम को घेरकर बुरी तरह से पीटा। इस दौरान टीम पर कई राउंड फायरिंग की गई।
जिसमें इंस्पेक्टर सहित छह पुलिस कर्मी घायल हो गए। जिसमें दो पुलिस कर्मियों को गोली लगने की बात कही जा रही है। एसओजी प्रभारी रविंद्र सिंह व मनोज अपनी जान बचाने के लिए मकान से कूदे और नदी किनारे स्थित बाग में जाकर छिप गए थे। हालात सामान्य होने के बाद ही दोनों पुलिसकर्मी नदी पार करने यूपी बॉर्डर पहुंचे। उसके बाद उन्होंने लोगों से मोबाइल से पुलिस को सूचना दी। उसके बाद ही ठाकुरद्वारा पुलिस मौके पर पहुंची थी। उन्हें वाहन में बैठाकर थाने ले गई। मकान के अंदर शिव कुमार, राहुल सिंह और योगेंद्र को स्थानीय पुलिस ने किसी तरह घायल अवस्था में बाहर निकाल अस्पताल भिजवाया।
अस्पताल में भर्ती निरीक्षक योगेंद्र सिंह ने बताया जिस समय उनकी टीम भरतपुर के एक मकान में घिर गई। उस दौरान आसपास के लोगों ने मकानों के दरवाजे और खिड़की बंद कर लिए थे। आरोपी लगातार फायरिंग कर रहे थे। उन्होंने पुलिस टीम के हथियार भी छीन लिए थे। घायल सिपाही संगम और सुमित राठी ने भी घटना के बारे में बताया कि कमालपुरी चौराहे के पास उन्होंने जफर की क्रेटा कार रोकने की कोशिश की थी। इसी दौरान जफर ने फायरिंग शुरू कर दी। जिसमें सिपाही राहुल सिंह की बाजू में गोली लगी थी।
इसके बाद जफर उत्तराखंड भागा और करीब आठ किलोमीटर तक चलकर वह एक मकान में घुस गया। पुलिस टीम ने उसे पकड़ने की कोशिश की। इसी दौरान भीड़ जुट गई और गेट बंद कर पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया। पुलिस टीम के हथियार छीन लिए गए। हमलावरों ने कई राउंड फायरिंग भी की थी।