चंड़ीगढ़। सियासत के बाबा बोहड़ कहे जाने वाले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का आज दोपहर एक बजे राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव बादल में अंतिम संस्कार किया जाएगा। गुरुवार को सुबह दस से बारह बजे तक पैतृक निवास में लोग पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन कर श्रद्धा-सुमन अर्पित करेंगे। बादल जिस बाग के बागबां थे, गुरुवार को उसी बाग की जमीन में वे पंचतत्व में विलीन हो जाएंगे।
बड़ी संख्या में पहुंच रहे लोग श्रद्धांजलि देने
अंतिम संस्कार पर शिअद के हजारों कार्यकर्ताओं के अलावा विभिन्न पार्टियों के नेताओं सहित बड़ी संख्या में आम लोगों के पहुंचने की संभावना है। इसके लिए खुली जगह की जरूरत होगी। गांव का श्मशान घाट इस नजरिए से काफी छोटा है। वहीं, नई दाना मंडी में एक तरफ श्मशानघाट है, जबकि गेहूं का सीजन होने के चलते चारों ओर गेहूं ढेर हैं। यही कारण है कि प्रकाश सिंह बादल के अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक गांव बादल के लंबी रोड पर स्थित उनके किन्नू के बाग में जगह तैयार की गई है। इस बाग की देख-रेख बादल खुद किया करते थे।
अक्सर गांव आया करते थे बादल
शिअद यूथ विंग के सर्किल अध्यक्ष रणजोध सिंह ने बताया कि इस बाग बादल अकसर आया करते थे। कई पौधे उन्होंने अपने हाथ से लगाए हैं। वह इनकी खुद देखभाल करते थे। उन्हें खेती-बागवानी के बारे में काफी जानकारी थी। बुधवार को यहां दो एकड़ जगह पर जमीन समतल कर अंतिम संस्कार के लिए मैदान तैयार किया गया। फोरलेन रोड साथ होने के चलते पार्किंग में भी यहां समस्या नहीं आएगी। भीड़ को नियंत्रित करना आसान होगा। पुलिस प्रशासन ने भी सख्त सुरक्षा प्रबंध किए हैं।
जिस चबूतरे पर अंतिम संस्कार, वहां बनेगा स्मारक
किन्नू के बाग में जगह समतल करके करीब 50 फीट लंबा और 30 फीट चौड़ा एक चबूतरा तैयार किया गया है। जहां प्रकाश सिंह बादल का अंतिम संस्कार होगा। बाद में इसी चबूतरे को स्मारक में बदल दिया जाएगा और यहां बादल की यादगार बनेगी।