जालौन। एक तरफ सरकार जातपात छोड़ों इंसानियत से नाता जोड़ों की बात कर रही है तो वहीं दूसरी ओर सरकारी स्कूलों के शिक्षक सरकार के इस स्लोगन की धज्जियां उड़ा रहे हैं। स्कूल ऐसी जगह है जहां पर शिक्षक बच्चों के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करते हैं। जिले के एक सरकारी विद्यालय में ऐसा मामला सामने आया है। जो शिक्षक की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं। तबियत खराब होने की वजह से कक्षा 2 का एक छात्र दो दिन स्कूल न जा सका तो प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका ने छात्र की जाति को लेकर अपशब्द कहें और छात्र के साथ मारपीट भी की। इसकी शिकायत अभिभावक ने एसडीएम व पुलिस से की हैं।
पूरा मामला कोंच तहसील के डाढ़ी परगना का हैं। यहां बने सरकारी प्राथमिक विद्यालय में तैनात स्कूल की प्रधानाध्यापिका ने कक्षा 2 के छात्र के साथ मारपीट की और उससे अनुसूचित जाति के शब्दों का प्रयोग किया। पूरे मामले में जब छात्र ने यह सब अपने परिजनों को बताया तो उन्होंने शिक्षिका के इस अमानवीय बर्ताव को लेकर एसडीएम व पुलिस से शिकायत की है।
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विभागीय मामला होने की वज़ह से बेसिक खंड शिक्षा अधिकारी ने इस पर अपनी आपत्ती जताई है। छात्र के पिता का कहना है कि बच्चा प्राथमिक विद्यालय में पढ़ता है। दो दिन से बच्चे की तबियत खराब थी तो वह स्कूल नहीं जा सका। स्कूल की टीचर घर पर आई और बच्चे को मारा और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि तुम लोग पढ़ने के लायक नहीं हो। घर में बैठकर जूता बनाओ। वही खंड शिक्षा अधिकारी ने अजीत यादव ने कहा कि ऐसा बर्ताव नही करना चाहिए। जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल नही करना चाहिए. स्कूल में पढ़ने का हक सबको हैं। विभागीय शिकायत आयेगी तो उस पर कार्यवाही की जायेगी।