अमित बिश्नोई
दुबई क्रिकेट स्टेडियम पर आज सब कुछ उम्मीद और परंपरा के मुताबिक ही रखा. कोई रोमांच नहीं, कोई अपसेट नहीं ( पाकिस्तानी क्रिकेट फैंस पाकिस्तान के हाथों भारत की हार को अब अपसेट ही मानते हैं). सबकुछ एक पटकथा के मुताबिक जो पहले से लिखी हुई थी, इस पटकथा का अंत पाकिस्तान की हार पर होना था, सो वही हुआ. भारत ने बिना किसी शोर शराबे के पाकिस्तान को 6 विकेट से हराकर न सिर्फ उसे चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर कर दिया बल्कि लगातार दो मैच जीतकर आसानी से अंतिम चार में पहुँच चुकी है. कहने को पाकिस्तान की टीम कह सकती है कि वह अभी तकनीकी तौर पर टूर्नामेंट से बाहर नहीं हुई है लेकिन इस टूर्नामेंट का फॉमेट ही कुछ ऐसा है कि लीग दौर में दो मैच हारने वाली टीम को कोई ‘क़ुदरत का निज़ाम’ नहीं बचाता। तो पाकिस्तान टीम को अब रावलपिंडी जाकर आराम करना चाहिए और सोचना चाहिए कि बांग्लादेश को वह कैसे हराएगी। कम से कम उसे हराकर अपना सूपड़ा साफ़ करवाने की शर्मिंदगी से तो बच जाय.
विराट और पाकिस्तान। बड़ा गहरा रिश्ता है दोनों के बीच. बंदा चाहे जितना आउट ऑफ़ फॉर्म हो, सामने पाकिस्तान की टीम को देखते उसपर शैतान सवार हो जाता है और फिर उसका बल्ला ऐसे बोलता है कि सारे पाकिस्तानी गेंदबाज़ों की बोलती ही बंद हो जाती है. भारत के लोगों से पाकिस्तान के लोगों को यकीन था कि पाकिस्तान के खिलाफ कोहली का विराट रूप ही दिखेगा। बात चाहे जितना आउट ऑफ़ फॉर्म की हो मगर पाकिस्तान के खिलाफ तो विराट को रन बनाना ही है. विराट ने भी बड़ी परिपक्वता के साथ पूरे 100 रन ठोंक दिए, वह भी नाबाद। स्ट्राइक रेट सिर्फ 90. गेंदें 111 और सिर्फ सात चौके, कोई छक्का नहीं। इससे अंदाज़ा लगा सकते हैं कि कितने ठहराव से विराट ने बल्लेबाज़ी की. बड़े खिलाडी इसी तरह की बल्लेबाज़ी करते हैं और बड़े मैच में ही करते हैं, हालाँकि मैं व्यक्तिगत तौर से इंडिया पाकिस्तान के मैच को बड़ा मैच नहीं मानता। दोनों ही टीमों के बीच अंतर बहुत बढ़ गया. यह बात सिर्फ मैं नहीं कह रहा हूँ बल्कि मैच के बाद स्टेडियम से निकलने वाले पाकिस्तानी क्रिकेट फैंस कह रहे थे.
मैच के बाद पाकिस्तानी क्रिकेट फैंस तो निराश थे ही, तमाम देशों से टीम इंडिया को सपोर्ट करने आये भारतीय क्रिकेट फैंस भी कोई ज़्यादा खुश नज़र नहीं आ रहे थे. आम तौर पर दुबई में जहाँ स्टेडियम में नीली और हरी जर्सी का अनुपात 80:20 का होता है, मैच जीतने के बाद भारतीय क्रिकेट प्रशंसक काफी खुशी और सेलेब्रेशन के मूड में होते हैं, स्टेडियम के बाहर काफी हो हल्ले का माहौल होता है लेकिन नीली जर्सी वाले जीतकर भी बड़ी खमोशी से अपने गंतव्य की ओर जा रहे थे, ऐसा लग रहा था जैसे वह ठगे गए हों। बेशक यह सभी भारतीय टीम का सपोर्ट करने आये थे लेकिन उन्हें एक दिलचस्प और रोमांचक मैच की उम्मीद थी, एक करीबी मैच जहाँ पल पल मौसम बदलता हो, जहाँ दुआएं मांगी जा रही हों, जहाँ फैंस फिंगर क्रॉस किये हुए हों। लेकिन जैसा कि मैंने पहले कहा कि सब कुछ एक लिखी लिखे पटकथा के मुताबिक ही हुआ। दुबई में पाकिस्तान से न हारने का सिलसिला भी बरकरार रहा और चैंपियंस ट्रॉफी में पाक्सितान के साथ अब जीत का स्कोर भी बराबर हो गया. ICC का एकमात्र यही टूर्नामेंट था जहाँ पाकिस्तान हमसे एक मैच आगे था लेकिन आज उसका हिसाब भी बराबर हो गया.
मैच के बारे में ज़्यादा कुछ कहने को नहीं है, एक बात ज़रूर है कि पावर प्ले के बाद के बीस पच्चीस ओवरों में बांग्लादेश के मैच में भी और इस मैच में भी भारतीय गेंदबाज़ विकेट लेने में थोड़ा पिछड़े रहे जिसकी वजह से दोनों ही मैचों में एक अच्छी साझेदारी हुई, हालाँकि आखिर के 10-15 ओवरों में भारतीय गेंदबाज़ों ने वापसी कराई और बड़ा स्कोर बनने से रोका। लेकिन यह एक समस्या तो ज़रूर सामने आयी है और इसपर काम करने की ज़रुरत है क्योंकि आगे के मैचों में और मज़बूत टीमों से भारत का सामना होना है. सच पूछा जाय तो बुमराह की कमी तो खल ज़रूर रही है. जमती जोड़ियों को तोड़ने की जो महारत बुमराह में है वह किसी अन्य गेंदबाज़ में नहीं। मोहम्मद शमी ने बांग्लादेश के खिलाफ मैच में पांच विकेट हासिल किये लेकिन आज के मैच में बहुत वेवर्ड दिखाई दिए, रन्स भी दिए और विकेट भी कोई हासिल नहीं कर सके. पहले ही ओवर से वो दिशा से भटके हुए लगे, अलबत्ता हर्षित और हार्दिक ने बढ़िया तेज़ गेंदबाज़ी की और पाकिस्तानी बल्लेबाज़ों को कभी भी खुलकर खेलने नहीं दिया। बाबर आज़म आज थोड़ा तेज़ी में दिखे लेकिन ज़्यादा तेज़ी दिखने से पहले ही चलते बने. रिज़वान और सऊद ने आज बाबर आज़म की जगह ली और टुकटुक बल्लेबाज़ी का संयुक्त अवार्ड अपने नाम किया। भारत के लिए विराट का 100 मारकर फॉर्म में आना एक शुभ संकेत है जो नॉक आउट दौर यानि सेमी फिनाले और फाइनल में काफी काम आने वाला है. शुभमण फिर ले में नज़र आये और 46 रन बनाये वहीँ श्रेयस ने 56 रनों की शानदार पारी खेलकर मिडिल आर्डर की मज़बूती का सबूत दिया। भारत को अब कई दिन आराम के बाद 2 मार्च को कीवियों से भिड़ना है लेकिन उस मैच में उनपर कोई दबाव नहीं होगा। फिलहाल तो भारत के हाथों हार और चैंपियंस ट्रॉफी से विदाई के बाद पाकिस्तान में गम का माहौल है. हालाँकि पूरे पाकिस्तान को अपनी टीम की हार का यकीन था.