हरिद्वार – देवभूमि उत्तराखंड के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले हरिद्वार में अनेकों अनेक धार्मिक स्थल है. उन्हीं धार्मिक स्थलों में एक सुरेश्वरी देवी मंदिर है मां भगवती को समर्पित यह मंदिर न केवल अपने धार्मिक आस्था और मान्यताओं के लिए जाना जाता है, अपितु राजा जी टाइगर रिजर्व के जंगल में स्थित होने के कारण यह प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है. सुरेश्वरी देवी मंदिर का उल्लेख स्कंद पुराण के केदारखंड में भी मिलता है माना जाता है कि यहां पर दर्शन मात्र से ही चर्म रोगी और कुष्ठ रोगी निरोगी हो जाते हैं. यूं तो साल भर मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है लेकिन नवरात्र के अष्टमी और नवमी के दिन मां के दर्शन का विशेष महत्व माना जाता है.
धार्मिक महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्रवंशी राजा रजी के पुत्र से युद्ध हार गए और उन्हें स्वर्ग लोक से निकाले गए. तब भयभीत इंद्र ने देव गुरु बृहस्पति की सलाह पर मां भगवती की तपस्या शुरू की. माना जाता है कि देवराज इंद्र, अरे जी के पुत्र होकर किस मंदिर में ही छिपकर मां भगवती की स्तुति की मान्यता है कि देवराज इंद्र की प्रार्थना से प्रसन्न होकर मां भगवती ने इसी स्थान पर इंद्र को दर्शन दिए थे.
घने जंगल के बीच माता का दरबार
हरिद्वार में राजाजी नेशनल टाइगर रिजर्व पार्क के बीच स्थित है सुरेश्वरी देवी मंदिर. मंदिर के चारों ओर घने जंगल होने की वजह से यहां पर आपको बहुत ही शांत वातावरण मिलेगा जिससे मंदिर के भीतर आपको आत्मीय शांति की अनुभूति होगी. सुरेश्वरी देवी मंदिर पहुंचने के लिए आप देहरादून और दिल्ली से पहले हरिद्वार पहुंचे. जहां से महज 7 किलोमीटर दूरी पर रानीपुर क्षेत्र में यह मंदिर स्थित है.