भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर के साथ हुए चौंकाने वाले बलात्कार और हत्या के मामले में स्वतः संज्ञान लिया है। मामले की सुनवाई मंगलवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ करेगी।
इस मामले में हस्तक्षेप करने का निर्णय सुप्रीम कोर्ट के दो वकीलों, एडवोकेट उज्ज्वल गौर और रोहित पांडे द्वारा गुरुवार को सीजेआई को एक पत्र लिखे जाने के बाद आया, जिसमें उनसे मामले में तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया गया था। अपने पत्र में, अधिवक्ताओं ने घटना की गंभीरता और गंभीरता को देखते हुए देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा तत्काल हस्तक्षेप किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।
बता दें कि पूरे देश को झकझोर देने वाले इस भयानक अपराध में एक पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के एक सेमिनार रूम में मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पुष्टि की कि पीड़िता के साथ बलात्कार किया गया था और उसका गला घोंटा गया था । पुलिस ने कोलकाता पुलिस के एक व्यक्ति को मुख्य संदिग्ध के रूप में गिरफ्तार किया जिसके डीएनए साक्ष्य से पता चला कि वह अपराध से जुड़ा हुआ है।
इस जघन्य कृत्य ने व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया है, जिसके कारण भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) ने 17 अगस्त से पूरे भारत में 24 घंटे के लिए गैर-आवश्यक चिकित्सा सेवाओं को बंद करने की घोषणा की है। स्वास्थ्य कर्मियों ने सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की मांग करते हुए पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) और राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) दोनों ने घटना की स्वतंत्र जांच शुरू कर दी है।