नई दिल्ली। अदाणी ग्रुप और हिंडनबर्ग रिपोर्ट से जुड़े मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने आज विशेषज्ञ समिति का गठन कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों की सुरक्षा के लिए नियामक तंत्र से संबंधित मुद्दे से निपटने के लिए शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एएम सप्रे की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों की सुरक्षा के लिए नियामक तंत्र से संबंधित समिति के गठन पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान फैसला सुनाया।
सेबी को भी जांच के निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को जांच करने का निर्देश दिया। जिसमें कहा है कि क्या सेबी के नियमों की धारा 19 का उल्लंघन हुआ है? क्या स्टॉक की कीमतों में कोई हेरफेर हुई है? सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को 2 महीने के भीतर जांच करने और स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने समिति को दो महीने में सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट न्यायालय को सौंपने को कहा है।
अधिकार ढांचे को मजबूत करने पर सुझावा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समिति का अधिकार ढांचे को मजबूत करने के उपाय पर सुझाव, अदाणी विवाद की जांच करना और वैधानिक ढांचे को मजबूत करने के उपाय सुझाना होगा। SC ने SEBI को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि समिति को जानकारी उपलब्ध करायी जाए।
17 फरवरी को फैसला रखा था सुरक्षित
इससे पहले सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने 17 फरवरी को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। पीठ ने केंद्र की तरफ से विशेषज्ञों के नाम वाले सुझाव सीलबंद लिफाफे में लेने से इनकार कर दिया था। पीठ का तर्क था कि वह निवेशकों की सुरक्षा के लिए पारदर्शिता सुनिश्चित करना चाहती है।