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T20 Semi Final: इस शर्मनाक हार का दोषी कौन

टी20 वर्ल्ड कपT20 Semi Final: इस शर्मनाक हार का दोषी कौन

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अमित बिश्‍नोई

बड़े खिलाडियों ने कल कुछ बातों पर अंदेशा जताया था और आज वह अंदेशे सच साबित हुए. भारत आज इंग्लैंड से हार गया मगर जिस तरह की हार मिली उसने इतने सारे सवालों को जन्म दे दिया जिनका जवाब आने वाले कई महीनों तक ढूंढें जायेंगे। फिलहाल अभी जो सवाल है वो है कि इतनी शर्मनाक शिकस्त का ज़िम्मेदार कौन है? कप्तान, खिलाडी या फिर टीम मैनेजमेंट? दो टीमें जब आपस में टकराती हैं तो एक की हार निश्चित है लेकिन आज की हार को शायद सिर्फ हार नहीं कहा जा सकता, इसे आप नाकआउट होना कह सकते हैं जो बॉक्सिंग में होता है. आप भूलें नहीं कि ICC रैंकिंग में यह दोनों टीमें पहले और दूसरे नंबर पर हैं, दोनों के रैंकिंग पॉइंट्स में सिर्फ चार अंकों का फ़र्क़ है, इसलिए ऐसा भी नहीं है कि दोनों टीमों में काफी अंतर है. लेकिन नतीजे में जो अंतर नज़र आ रहा है वह इस बात को सही नहीं ठहरा रहा है.

जब आप बात 10 विकटों से हार की करते हैं तो यह बड़ी शर्मनाक सी बात हो जाती है और टीम इंडिया जो क्रिकेट की दुनिया का बहुत बड़ा नाम है, इस टीम से जुड़े खिलाडियों के जब नाम सामने आते हैं तब कोई भी क्रिकेट फैन इस तरह की हार की कल्पना भी नहीं कर सकता। यही वजह है कि दस विकेट की हार बहुत दर्द देती है, फैंस को भी और टीम को भी. आज मैच के बाद बाद डग आउट में कोहली के जिस तरह कंधे झुके हुए थे, रोहित शर्मा की जिस तरह आँखें भीगी हुई थी वह भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए दिल तोड़ने वाली थीं. लेकिन बात चिड़िया चुग गयी खेत वाली हो जाती है, क्योंकि पछताने से अब कुछ नहीं मिलने वाला। 2021 में जब पाकिस्तान के हाथों दस विकेट से हार मिली थी, बहुत दर्दनाक थी क्योंकि उससे पहले ICC टूर्नामेंट में पाकिस्तान से कभी हार नहीं मिली थी. आज सुबह भी सभी उम्मीद लगाए हुए थे कि फाइनल में पहुंचकर और पाकिस्तान को पीटकर बदला चुकाएंगे, 2007 दोहराएंगे, 15 साल के सूखे को ख़त्म करेंगे लेकिन यह सूखा अभी जारी रहेगा, पाकिस्तान को फाइनल में पीटने का ख्वाब ख्वाब ही रह जायेगा, शायद उन भारतीय क्रिकेट फैंस ने तो नहीं सोचा होगा जिन्होंने फाइनल के टिकट खरीद रखे होंगे।

गलती कहाँ हुई, इसपर चर्चा बड़ी लम्बी हो सकती है लेकिन पहली नज़र में देखा जाय तो बात प्लानिंग की नज़र आ रही है. इंग्लैंड की टीम एक बेहतर योजना के साथ मैदान में उतरी थी, टॉस जीतकर गेंदबाज़ी करना भी उनकी योजना का ही हिस्सा था, हालाँकि इस फैसले से राहुल को हैरानी ज़रूर हुई क्योंकि टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फैसला इस विश्व कप की रवायत रही है. इसके बाद बटलर ने अपने स्पिनर्स का बड़े अच्छे से इस्तेमाल किया और दाद देनी पड़ेगी आदिल रशीद और लियाम लिविंगस्टोन को जिन्होंने बिलकुल योजनानुसार गेंदबाज़ी की. इस विश्व कप को अगर देखें तो यहाँ पर पावर प्ले ने बड़ी भूमिका निभाई है, आम तौर पर जिसने पावर प्ले को जीता है वह मुकाबला भी जीता है. टीम इंडिया बैटिंग और बॉलिंग दोनों पावर प्ले में मात खा गया. जो दोनों टीमों के बीच इतना बड़ा फर्क बन गया.

मैंने कल एडिलेड के डायमेंशन की बात की थी, उस डायमेंशन का इंग्लैंड ने जहाँ भरपूर फायदा उठाया, वहीँ भारत उस डायमेंशन के जाल में फंसता हुआ नज़र आया. इस पूरे विश्व कप में रिस्ट स्पिनर्स ने बड़ा प्रभावित किया और लगभग हर मैच में अपनी टीम की कामयाबियों में अहम् किरदार निभाया। इस मैच में भी आदिल रशीद और लिविंगस्टोन ने कमाल की गेंदबाज़ी की. हालाँकि लिविंगस्टोन पार्ट टाइमर हैं जो ऑफ स्पिन और लेग स्पिन दोनों तरह की गेंद बाज़ी करते हैं लेकिन उन्होंने भी अपने तीन ओवरों में अपनी रिस्ट का ही इस्तेमाल किया और ज़्यादातर लेग स्पिन गेंदबाज़ी ही की. वहीँ टीम इंडिया युजवेंद्र चहल को लगातार टहलाती रही, यह देखते हुए भी कि टूर्नामेंट में रिस्ट स्पिनर कमाल कर रहे हैं. चहल को न खिलाने का फैसला किसका था? कप्तान का या राहुल द्रविड़ का, या फिर दोनों का. किसको आरोपी ठहराया जाय.

कल गावस्कर ने एक सवाल उठाया था कि अगर सूर्या कुमार न चले तो फिर बड़ा स्कोर कैसे बनेगा? सवाल कितना जायज़ था यह आज साबित हो गया. जिस टीम के सलामी बल्लेबाज़ लगातार नाकामी के दौर से गुज़र रहे हो वहां पर तो यह सवाल उठना लाज़मी था, क्योंकि सूर्यकुमार जिस स्टाइल में बल्लेबाज़ी करते हैं उसमें नाकाम होने का जोखिम भी बहुत होता है. हालाँकि उनका स्टाइल टी 20 क्रिकेट और दर्शकों को बहुत सूट करता है लेकिन क्या क्रिकेट सिर्फ दर्शकों के लिए खेली जाती है या सिर्फ अपनी वाहवाही के लिए. कोहली मिसाल हैं, इस विश्व कप में भी उन्होंने बेमिसाल पारियां खेली हैं जिनमें ज़िम्मेदारी की झलक भी मिलती है. अगर बड़े और अहम मौके पर आप टीम के काम नहीं आते तो फिर आप कभी बड़े नहीं बन सकते। इस शर्मनाक हार का दोषी कौन है, आप ही तय कीजिये क्योंकि अभी बहुत पोस्टमॉर्टेम होना बाकी है.

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