अपनी शुरुआत से ही टी 20 विश्व कप 2022 बड़ा रोमांचक रहा है, अबतक पांच अपसेट मुकाबले हो चुके हैं, वहीँ कई मैच नाखून चबाने वाले खेले गए जिसमें एक मुकाबला आज ज़िम्बाब्वे और बांग्लादेश के बीच खेला जायेगा। बेहद रोमांचक इस मैच का नतीजा आखरी गेंद पर हुआ और बांग्लादेश के हक़ में नतीजा आया. आखरी गेंद पर ज़बरदस्त ड्रामा हुआ, सभी खिलाडी मैदान छोड़ चुके थे मगर बांग्लादेश के विकेटकीपर की गलती से गेंद नो बॉल पायी गयी और खिलाडियों को फिर से मैदान में आना पड़ा, लगा किस्मत ज़िम्बाब्वे के साथ है लेकिन ऐसा नहीं हुआ, किस्मत ने आँख मिचौली खेलने के बाद साथ बांग्लादेश को दिया। इस जीत के साथ बांग्लादेश के अब चार अंक हो गए हैं और ग्रुप 2 में अब वह दुसरे नंबर पहुँच गयी है. बांग्लादेश के अब आखरी दो मैच भारत और पाकिस्तान से खेलने हैं.
शुरुआत तो बांग्लादेश की काफी खराब रही, सौम्य सरकार बिना कोई रन बनाये 10 के स्कोर आउट हो गए मगर उसके बाद नजमुल हसन शान्तो के साथ लिटन दास, सकीबुल हसन और अफीफ हुसैन ने स्कोर को सात विकेट पर 150 तक पहुँचाने में कामयाबी हासिल की. शान्तो ने 55 गेंदों पर 71 रनों की शानदार पारी खेली, लिटन ने 14 साकिब ने 23 और अफीफ ने 29 रनों की पारी खेली। ज़िम्बाबवे के लिए रिचर्ड एनगरावा और ब्लेसिंग मुज़ाराबानी ने दो दो विकेट हासिल किये।
151 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उत्तरी ज़िम्बाब्वे टीम की शुरुआत तो बांग्लादेश से भी बुरी हुई 17 रनों तक उसके दो बड़े विकेट आउट हो चुके थे, 35 के स्कोर पर शुम्बा और सिकंदर रज़ा भी पवेलियन लौट गए. इस मौके पर ज़िम्बाबवे बड़े संकट में नज़र आ रही थी मगर अनुभवी शॉन विलियम्स ने रेजिस चकाब्वा और रायन बर्ल के सहारे टीम को जीत की पोजीशन में पहुंचा दिया। ज़िमबाब्वे को अंतिम ओवर में 16 रन बनाने थे. पहली गेंद पर लेगबाई का एक रन बना , दूसरी गेंद पर विकेट गिरा, तीसरी गेंद पर लेगबाई का चौका मिला, चौथी गेंद पर छक्का लगा. अब ज़िमबाब्वे को दो गेंदों पर जीत के लिए पांच रन बनाने थे. पांचवीं गेंद पर विकेट गिरा, अब अंतिम गेंद पर जीत के लिए छक्का और सुपर ओवर के लिए चौका चाहिए था, क्रीज़ पर मुज़ारबानी थे लेकिन इस गेंद पर वह स्टंप हो गए, मैच ख़त्म हो गया मगर अभी एक ट्विस्ट अभी बाकी था. दरअसल स्टंपिंग के समय बांग्लादेश के विकेटकीपर ने गेंद को स्टंप के आगे पकड़ा था जिसकी वजह से गेंद को नो बॉल घोषित की गयी, ज़िम्बाब्वे के खेमे में एकबार भी ख़ुशी की लहार दौड़ गयी लेकिन इस मौके को भी ज़िमबाब्वे भुना नहीं पाया।