भाजपा सांसद वरुण गाँधी के साइकिल पर सवार होने की खबर अभी पूरी तरह ख़त्म नहीं हुई. हालाँकि सपा ने पीलीभीत से अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कल ही की है लेकिन कहते हैं न कि धुआं वहीँ से उठता है जहाँ आग सुलग रही हो. ये बात इसलिए कही जा रही है कि क्योंकि पीलीभीत से सपा प्रत्याशी भगवत शरण गंगवार का कहना है कि अगर वरुण गाँधी सपा में शामिल हो जाते है तो वो खुद उनके लिए ख़ुशी ख़ुशी पीलीभीत से उम्मीदवारी छोड़ देंगे। गंगवार के इस बयान के बाद एक बार फिर इस बात की चर्चा होने लगी है कि सपा से वरुण का चैप्टर अभी पूरी तरह ख़त्म नहीं हुआ है.
दरअसल पीलीभीत से सपा के घोषित प्रत्याशी भगवत शरण गंगवार से कल जब एक सवाल पूछा गया कि अगर भाजपा ने वरुण गाँधी को पीलीभीत से टिकट नहीं दिया और उन्होंने सपा की तरफ रुख किया तो क्या वो अपनी उम्मीदवारी से पीछे हट जायेंगे, जिसपर गंगवार ने साफ़ तौर पर कहा कि अगर वरुण गाँधी समाजवादी पार्टी में शामिल हो जाते हैं तो उन्हें पीलीभीत से उम्मीदवारी छोड़ने में कोई परहेज़ नहीं होगा। गंगवार का ये बयान प्रदेश की राजनीती को लेकर काफी अहम् माना जा रहा है क्योंकि अभी तक भाजपा की तरफ से वरुण गाँधी के लिए कोई सिग्नल नहीं आया है. सभी राजनीतिक पंडित यही कह रहे हैं कि वरुण को इसबार टिकट मिलना काफी मुश्किल है.
कल जब गंगवार की पीलीभीत से उम्मीदवारी सपा की तरफ से घोषित हुई थी तब ऐसा लग रहा था कि वरुण गाँधी का सपा से चैप्टर ख़त्म हो चूका लेकिन गंगवार ने स्वयं इस खबर को और हवा दे दी है. उधर खबर है कि वरुण गाँधी चुनाव ज़रूर लड़ेंगे , भले ही आज़ाद उम्मीदवार के रूप में लड़ना पड़े, ये भी सुना गया है कि उन्होंने पीलीभीत से चार नामांकन पत्रों का सेट भी खरीदवाया है. वहीँ इस बात की भी चर्चा है कि वरुण गाँधी अमेठी से चुनाव लड़ सकते हैं, हालाँकि इस बात में ज़्यादा दम तो नज़र नहीं आता लेकिन राजनीति अनिश्चितताओं का खेल है, कब क्या हो जाय कुछ कहा नहीं जा सकता।