बदायूं में दोहरे हत्याकांड का मुख्य आरोपी साजिद जंगल में पुलिस से हुए एनकाउंटर में मारा गया, लेकिन जिन परिस्थियों में साजिद का एनकाउंटर हुआ उसने पुलिस को परेशानी में डाल दिया है, वो अपनी एनकाउंटर की थियोरी को जस्टिफाई नहीं कर पार रही है। इस एनकाउंटर पर एक नहीं कई सवाल उठे हैं। साजिद ने जो किया उससे हर आदमी नाराज़ और गुस्से में है लेकिन साजिद को जिस तरह जंगल में मारा गया उसपर भी लोग सवाल उठा रहे हैं. क्योंकि साजिद की मौत के साथ ही अब ये बात और भी पेचीदा हो गयी है कि आखिर उसने ये हत्याकांड किया क्यों?
पहला सवाल तो यही उठा कि साजिद ने धारदार हथियार से हत्याकांड को अंजाम दिया तो फिर तमंचा उसके पास कैसे आया और अगर उसके पास तमंचा था तो उसने चाकू का इस्तेमाल करने का जोखिम क्यों उठाया। दूसरे FIR में लिखा है कि साजिद को भीड़ ने पुलिस को सौंपा तो वो भागने में कैसे कामयाब हो गया, तीसरा सवाल जब साजिद को पुलिस को सौंपा गया तो क्या पुलिस ने उसकी तलाशी नहीं ली क्योंकि इस तरह की घटना में पुलिस सबसे पहले जामा तलाशी ही लेती है ताकि उसके पास कोई और हथियार न हो. पुलिस कहती है कि अँधेरे का फायदा उठाकर साजिद भाग गया तो फिर तीन घंटे में ही पुलिस ने उसे कैसे इतनी आसानी से ढूंढ लिया और फिर ये तमंचा जिससे बकौल पुलिस उसने फायर किये उसके पास कहाँ से आया, क्या पहले से ही उसके पास था. ऐसे बहुत से सवाल हैं जो इस एनकाउंटर पर संदेह पैदा करते हैं.
पुलिस की गिरफ्त से साजिद के भागने की बात पर भी सवाल उठ रहा है. क्योंकि मृतक बच्चों के पिता विनोद सिंह और अड़ोस पड़ोस के लोगों का भी कहना है कि हत्याकांड को अंजाम देने के बाद साजिद भागा नहीं था, उसे लोगों ने घर में ही बंद कर दिया था, बच्चों की दादी ने भी उसे गुस्से में तीन चार बार चप्पलों से पीटा भी था, पुलिस के आने पर साजिद को उन्हें सौंप दिया गया था, तो फिर वो भागा कैसे? यही वजह है कि लगातार उठ रहे सवालों को जिलाधिकारी ने एनकाउंटर के मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं और 15 दिनों में रिपोर्ट मांगी है.