Monsoon Deficit: खरीफ फसल पर मानसून सीजन में कम बारिश का असर पड़ा है। खरीफ की दहलनी फसलों के बुआई का रकबा 8.58 प्रतिशत घट गया है। कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू खरीफ सत्र में आठ सितंबर तक धान की बुवाई का रकबा 403.41 लाख हेक्टेयर रहा। जो पिछले साल की समान अवधि में 392.81 लाख हेक्टेयर था।
तिलहन, दलहन, कपास, गन्ने के अलावा धान मुख्य खरीफ फसल
मानसून सीजन बारिश में 11 प्रतिशत की कमी के कारण चालू खरीफ सत्र के अंतिम सप्ताह तक दलहन फसलों की बुवाई का रकबा 8.58 प्रतिशत घटकर 119.91 लाख हेक्टेयर रह गया है। खरीफ फसलों की बुवाई दक्षिण-पश्चिमी ग्रीष्मकालीन मानसून की शुरुआत के साथ शुरू होती है। ये जून से सितंबर तक होती है। इसमें तिलहन, दलहन, कपास और गन्ने के अलावा धान मुख्य खरीफ फसल है। दलहनों के मामले में बुवाई पिछड़ रही है और रकबा कम होकर 119.91 लाख हेक्टेयर रह गया। यह एक साल पहले इसी अवधि में 131.17 लाख हेक्टेयर था। मध्य प्रदेश में दालों का रकबा सबसे अधिक घटा है। इसके बाद कर्नाटक और महाराष्ट्र में दालों की बुवाई का रकबा घटा है।
मध्य प्रदेश में दलहनों की बुआई का रकबा कटौती
मध्य प्रदेश में चालू खरीफ सत्र में आठ सितंबर तक दलहनों की बुआई का रकबा कटौती के साथ 19.72 लाख हेक्टेयर है। जो कि पिछले वर्ष इसी समान अवधि में 23.44 लाख हेक्टेयर रहा था। कर्नाटक में दलहनों की बुवाई का रकबा पिछले साल के 20.07 लाख हेक्टेयर की तुलना में घटकर अब लाख हेक्टेयर से घटकर 20.07 लाख हेक्टेयर रह गया है। जबकि महाराष्ट्र में यही रकबा 18.89 लाख हेक्टेयर से घटकर 16.15 लाख हेक्टेयर रह गया है। हालांकि राजस्थान में दलहनों की बुआई के रकवे में वृद्धि हुई है। यह चालू खरीफ सत्र में अब तक 35.30 लाख हेक्टेयर है। जो पिछले साल समान अवधि में 33.99 लाख हेक्टेयर था।