अमित बिश्नोई
- इस साल का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण है, दिन में हो जाएगी रात
- हिमाचल में 25 साल बाद दिखेगा ऐसा नजारा, आज रात 9:15 मिनट पर लगेगा सूतक
साल का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून 2020 को सुबह करीब 9 बजकर 15 से शुरू होगा. यह ग्रहण दोपहर 03 बजकर 04 मिनट तक रहने वाला है. ज्योतिर्विदों की मानें तक ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले यानी 20 जून को रात करीब 9 बजकर 25 मिनट से लगेगा.हिमाचल प्रदेश में 25 साल बाद ऐसा संयोग बना है कि प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में सूर्य ग्रहण दिखाई देगा. इस बार सूर्यग्रहण 21 जून रविवार होने वाला है. यह ग्रहण सुबह 10.23 मिनट पर आरंभ होगा, जो दोपहर 1.48 मिनट पर समाप्त होगा. सूर्य ग्रहण दोपहर के आसपास 95 प्रतिशत होगा. दोपहर 12 बजे के करीब ग्रहण के समय रात जैसा अंधेरा कुछ समय के लिए देखा जाएगा. साइंटिस्ट का कहना है कि इस दौरान मैग्नेटिक फील्ड बनने से मानसिक बेचैनी हो सकती है.
सूर्य ग्रहण के बारे में सबकुछ जानिए
सूर्यग्रहण का समय और सूतक काल
21 जून 2020 को लगने जा रहे सूर्यग्रहण के बारे में जहां यह कहा जा रहा है कि यह सूर्यग्रहण एक पूर्ण सूर्यग्रहण होगा वहीं इसको इस साल का सबसे बड़ा सूर्यग्रहण भी माना जा रहा है. यह सूर्यग्रहण शुरू होगा सुबह 09 बजकर 15 मिनट और 58 सेकंड से और खत्म होगा 03 बजकर 58 मिनट पर. वहीं सूर्यग्रहण लगने के 12 घंटे पहले ही सूतक शुरू हो जाता है जो कि ग्रहण के खत्म होने के साथ ही साथ खत्म होता है. सूतक शुरू होते ही सभी प्रकार के शुभ कार्यों को बंद कर दिया जाता है.मंत्रालय ने कहा कि अनूपगढ़, सूरतगढ़, सिरसा, जाखल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, देहरादून, तपोवन और जोशीमठ में रहने वाले लोग वलयाकार ग्रहण को देख पाएंगे. वहीं शेष भारत में लोग आंशिक ग्रहण देख सकते हैं.इस ग्रहण में चंद्रमा सूर्य का करीब 99 प्रतिशत भाग ढक लेगा. वलयाकार सूर्य ग्रहण में सूर्य कंगन की भांति दिखाई देगा. इसमें सूर्य का सबसे सबसे बाहरी हिस्सा दिखाई देगा जबकि बीच का हिस्सा चंद्रमा के द्वारा छिप जाएगा. यह सूर्य ग्रहण भारत समेत एशिया के कई देशों नेपाल, पाकिस्तान, अफ्रीका, सऊदी अरब, यूऐई, और इथोपिया में दिखाई देगा.
सूतक काल में क्या न करें?
सूतक काल के दौरान किसी भी तरह का नया काम या शुभ कार्य करने से परहेज करना चाहिए. घर मकान का निर्माण, वाहन की खरीदारी या शादी-विवाह की तैयारियों के बारे में ना सोचें.ग्रहण का सूतक काल लगने के बाद नुकीली चीजों का इस्तेमाल करना अशुभ माना जाता है. सूतक के दौरान कैंची, चाकू, कांटा या सुई जैसी धारदार और नुकीली चीजों का इस्तेमाल करने से बचें. बालों पर कंघी करना, दांतून करना या नाखून काटना भी सूतक के दौरान अशुभ माना जाता है. इसलिए ग्रहण के दौरान ऐसा कोई काम ना करें.
भारत में कहां-कहां दिखेगा?
दिल्ली, चंडीगढ़,मुम्बई,कोलकाता, हैदराबाद,यूपी, बेंगलुरु,लखनऊ, चेन्नई और शिमला. यूएस और यूके में नहीं दिखेगा.
बेहाट कस्बा सुर्खियों में
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले का बेहाट कस्बा अचानक से वैज्ञानिकों में चर्चा का विषय बन गया है. यहां कुछ ऐसा होने वाला है जो अगले 360 सालों तक नहीं होगा. यही वजह है कि उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के हजारों गांवों में बेहाट की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है. बता दें कि कि बेहाट उत्तर प्रदेश की इकलौती ऐसी जगह है जहां से 21 जून को होने वाला वलयाकार सूर्यग्रहण पूरा दिखाई देगा. छल्लेदार सूर्य सिर्फ सहारनपुर के बेहाट में ही दिखाई देगा. यूपी में बाकी किसी भी शहर को यह नसीब नहीं होगा.
चारों धाम के कपाट रात में बंद होंगे
सूर्यग्रहण के चलते उत्तराखंड के चारों धामों बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट आज रात 10 बजे से बंद रहेंगे. बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने कहा, “सूर्यग्रहण भले ही कल है लेकिन उसका सूतक 12 घंटे पहले ही शुरू हो जाएगा.धर्माधिकारी के मुताबिक, कल रविवार को दो बजे के बाद चारों धामों के मंदिर परिसरों की साफ-सफाई के बाद ही पूजा-अर्चना की जाएगी.
ऑनलाइन कैसे देंखे?
अगर आप इसे ऑनलाइन देखना चाहते हैं तो पॉप्युलर चैनल जैसे TimeandDate और Slooh अपने यूट्यूब चैनल पर इसकी लाइव स्ट्रीमिंग करेंगे.इसके अलावा NASA ट्रैकर का इसतेमाल कर भी आप सूर्य ग्रहण लाइव देख सकते हैं.
बता दें कि जून 2020 के बाद अगला सूर्य ग्रहण जून 2021 में होगा। हालांकि, दक्षिणी अमेरिका में एक पूर्ण सूर्यग्रहण भी इस साल होगा।
देखते समय क्या सावधानी बरतनी होगी
सूर्य ग्रहण को सीधे आंखों से न देखें. दरअसल, सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य से काफी हानिकारक सोलर रेडिएशन निकलते हैं जिससे कि आंखों के नाजुक टिशू डैमेज हो जाते हैं और आंखों को जबरदस्त नुकसान पहुंच सकता है. विशेषज्ञों के मुताबिक सूर्य ग्रहण देखने के लिए नॉर्मल गॉगल्स या चश्मे का इस्तेमाल कतई न करें बल्कि इसके लिए सोलर-व्युइंग ग्लासेस, पर्सनल सोलर फिल्टर्स या आइक्लिप्स ग्लासेस का इस्तेमाल करना चाहिए. इस तरह के चश्मे को सोलर फिल्टर युक्त चश्मा कहा जाता है. पिनहोल, टेलेस्कोप और दूरबीन से भी सूर्यग्रहण देखना हानिकारक साबित हो सकता है.
पूर्ण सूर्यग्रहण: इस दौरान चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है. ऐसे में चमकते सूर्य की जगह एक काली तश्वरी दिखती है.
एन्यूलर सूर्यग्रहण: यह तब होता है जब सूरज और चंद्रमा एक लाइन में होते है. लेकिन चंद्रमा, सूरज को ढक नहीं पाता. ऐसे में सूर्य एक बड़े छल्ले की तरह दिखाई देता है, जिसके केंद्र में चंद्रमा की काली बाहरी सतह दिखाई देती है.
आंशिक सूर्यग्रहण: यह तब होता है जब सूरज और चंद्रमा एक सीधी लाइन में नहीं होते और चंद्रमा सूरज के हिस्से को ही ढक पाता है. इसे धरती पर एक बड़े हिस्से के रूप में देखा जा सकता है.
अहम जानकारियां
- इस साल दो सूर्य ग्रहण पड़ेंगे
- 21 जून को एन्यूलर सूर्यग्रहण
- 14 सितंबर को पूर्ण सूर्यग्रहण
- सूर्य ग्रहण आमतौर पर चंद्रग्रहण के लगभग 2 सप्ताह पहले या बाद में पड़ता है
- एक साल में 5 सूर्य ग्रहण तक हो सकते हैं.
- पूर्ण सूर्यग्रहण एक दुर्लभ दृश्य है. जो हर 18 महीने में एक बार ही होता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण के लिए, सूर्य को चंद्रमा द्वारा कम से कम 90 प्रतिशत तक ढका होना जरूरी होता है.
- पूर्ण सूर्य ग्रहण की सबसे लंबी अवधि 7.5 मिनट है.
- पूर्ण सूर्य ग्रहण को उत्तर और दक्षिण ध्रुवों से नहीं देखा जा सकता है.