केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में हाल ही में ढही छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के लिए स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल किया जाना चाहिए था। अगर छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा के लिए स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल किया गया होता, तो यह कभी नहीं गिरती।
निर्माण सामग्री के साथ पिछले अनुभवों पर निराशा व्यक्त करते हुए गडकरी ने कहा कि उन्होंने तटीय क्षेत्रों में स्टेनलेस स्टील के इस्तेमाल पर जोर दिया था, लेकिन उनकी पिछली परियोजनाओं में हमेशा इस सिफारिश का पालन नहीं किया गया। गडकरी ने कहा कि मुंबई में फ्लाईओवर के निर्माण को अंजाम देते समय उन्हें “मूर्ख” बनाया गया। जब मैं मुंबई में 55 फ्लाईओवर के निर्माण को अंजाम दे रहा था तो एक व्यक्ति ने मुझे मूर्ख बनाया। उसने लोहे की छड़ों पर कुछ पाउडर कोटिंग लगाई और कहा कि वे जंगरोधी हैं। लेकिन जंग लग रही थी। गडकरी ने कहा, “मेरा मानना है कि स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल समुद्र से 30 किलोमीटर के भीतर ही किया जाना चाहिए।”
बता दें कि शरद पवार ने मंगलवार को आरोप लगाया कि प्रतिमा ढहने का कारण “भ्रष्टाचार” था। शरद पवार ने कोल्हापुर जिले के कागल में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि कुछ महीने पहले ही बनी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन की गई एक मूर्ति ढहना चौंकाने वाली बात है.
बता दें कि 17वीं सदी के मराठा योद्धा छत्रपति शिवजी महाराज की 35 फुट ऊंची मूर्ति 26 अगस्त को ढह गई थी। इस घटना के बाद आरोपों की झड़ी लग गई, विपक्षी नेताओं ने बड़े पैमाने पर घोटाले का आरोप लगाया और राज्य सरकार से जवाबदेही की मांग की। जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी।