शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने शनिवार को घोषणा की कि पार्टी के विजयी विधायक चुनावी प्रक्रिया में कथित विसंगतियों का हवाला देते हुए शपथ ग्रहण से दूर रहेंगे। मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए ठाकरे ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को जो भारी जनादेश मिला है, वह लोगों ने नहीं दिया है।
शिवसेना यूबीटी नेता ने कहा कि आज हमारे विजयी विधायक शपथ ग्रहण नहीं करेंगे। उन्होंने वजह बताते हुए कहा कि यह जनादेश जनता का होता तो लोग खुश होते, जश्न मनाते लेकिन आपने देखा कि इस जीत का लोगों ने कहीं भी जश्न नहीं मनाया। हमें ईवीएम पर संदेह है।” वहीँ शिवसेना (यूबीटी) नेता और एमएलसी सचिन अहीर ने स्पष्ट किया कि पार्टी ने नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करने का आह्वान नहीं किया है, लेकिन उन्होंने आदित्य ठाकरे की चिंताओं को दोहराते हुए दावा किया कि विपक्ष के महा विकास अघाड़ी को जो जनादेश मिला है, वह लोगों ने नहीं बल्कि ईवीएम ने दिया है।
उन्होंने कहा कि अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन एक बात तय है- हमें जो जनादेश मिला है, वह लोगों का जनादेश नहीं है, बल्कि ईवीएम का जनादेश है। जनता की राय और ईवीएम के नतीजे अलग-अलग हैं। महाराष्ट्र विधानसभा के नतीजे घोषित होने के बाद से ही विपक्ष ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगा रहा है। आदित्य ठाकरे के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने कहा कि इस तरह के आरोप लगाने का कोई मतलब नहीं है और सुझाव दिया कि उन्हें चुनाव आयोग या अदालत में जाना चाहिए। शिवसेना (एकनाथ शिंदे) की नेता मनीषा कायंदे ने भी आरोपों को निराधार और असंगत बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ये उनकी तरफ से बहुत बचकानी हरकतें हैं, उन्हें किसी सरकारी संस्था पर भरोसा नहीं है। जब वे लोकसभा में जीतते हैं, तो वे कहते हैं कि ईवीएम ठीक है। जब वे हारते हैं, तो वे ईवीएम पर सवाल उठाने लगते हैं।