अमित बिश्नोई
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान से पहले दिल्ली में बैठी दो सरकारों के बीच बयानबाज़ियों का दौर शुरू हो चूका था, विशेषकर प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव आयोग द्वारा मतदान लिए 5 फरवरी की तारीख घोषित करने से पहले जब चुनावी बिगुल फूंका था और AAP सरकार को आपदा की सरकार बताते हुए शीशमहल का ज़िक्र किया था तभी पता चल गया था कि कुछ ही घंटों या एक दो दिनों में यह एक चुनावी मुद्दा बनने वाला है क्योंकि आम आदमी पार्टी वो पार्टी है जो भाजपा के ढंग की ही राजनीति करती है, शायद इसीलिए आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल को मोदी जूनियर कहा जाता है. अरविन्द केजरीवाल की राजनीति का तरीका भी काफी कुछ प्रधानमंत्री मोदी वाला ही है, यही वजह है कि तमाम कोशिश करने के बावजूद, पिछले दस वर्षों से केंद्र की सत्ता पर काबिज़ रहने के बावजूद, दिल्ली में LG के सहारे एक समानान्तर सरकार चलाने के बावजूद, आम आदमी की टॉप लीडरशिप समेत अरविन्द केजरीवाल को जेल भिजवाने के बावजूद भाजपा आप संयोजक का कुछ भी नहीं बिगाड़ पायी। जैसा की मालूम था कि जिस मुख्यमंत्री आवास को शीशमहल का नाम देकर प्रधानमंत्री ने दिल्ली में पिछले 25-30 साल का सूखा ख़त्म करने की शुरुआत की है उसका जवाब आम आदमी पार्टी की तरफ से उतना ही तीखा मिलेगा। वो कहते हैं न कि नंगे को नंगा मिला। शीशमहल की राजनीती शुरू करने वाली भाजपा से उसी अंदाज़ में उस राजमहल के बारे में सवाल उठाये गए जो प्रधानमंत्री मोदी के लिए तैयार किया जा रहा है. 8 जनवरी का दिन दिल्ली की राजनीती के लिए काफी दिलचस्पी भरा दिन रहा और इस चुनाव का मुद्दा भी तय हो गया. तय हो गया कि दिल्ली विधानसभा का चुनाव इस बार शीशमहल बनाम राजमहल के मुद्दे पर होगा।
8 जनवरी को दिनभर इस बात को लेकर हंगामा रहा कि मुख्यमंत्री निवास अगर शीशमहल है तो फिर प्रधानमंत्री आवास को क्या कहा जायेगा, क्या उसे राजमहल कहा जायेगा क्योंकि बकौल आप नेता मुख्यमंत्री निवास की 33 करोड़ की लागत के सामने अगर किसी के लिए 2700 करोड़ की लागत से निवास बन रहा है तो फिर उसे राजमहल ही कहा जा सकता है. फिर तो सवाल उठता है कि मुख्यमंत्री निवास को लेकर भाजपा अगर ये दावे कर रही है कि वो एक शीश महल है, उसमें स्वीमिंग पूल है, उसमें आधुनिक बार है, उसमें सोने का टॉयलेट है. अगर ये सब 33 करोड़ वाले मुख्यमंत्री आवास में है तो फिर 2700 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले प्रधानमंत्री आवास में क्या क्या होगा। इसकी तो सिर्फ कल्पना ही की जा सकती है. भाजपा ये सब दावे CAG रिपोर्ट के आधार पर कर रही है, उसका कहना है कि ये सब CAG की रिपोर्ट में है लेकिन ये रिपोर्ट तो दिल्ली सरकार के पास है जिसने इसे मंज़ूरी, नामंजूरी के लिए LG को भेजी है. LG विनय कुमार सक्सेना ने अभी इसपर कोई कार्रवाई नहीं की है, मतलब ये रिपोर्ट अभी सार्वजानिक नहीं हुई, तो फिर इस रिपोर्ट के आधार पर केजरीवाल पर आरोप क्यों? क्या यह रिपोर्ट LG ऑफिस से लीक हुई है जो भाजपा के नेताओं तक पहुंची है और जिसने इसे चुनावी मुद्दा बनाने की पूरी तैयारी कर ली है. भाजपा ने तो अपने चुनावी पोस्टर में शीशमहल को जगह भी दे दी है, प्रधानमंत्री मोदी सार्वजानिक मंच से इतना बड़ा आरोप लगा रहे हैं तो क्या ये आरोप सही हैं, वैसे प्रधानमंत्री हर चुनाव में ऐसे बहुत से आरोप लगाते हैं जिनका बाद में कभी कोई ज़िक्र भी नहीं होता।
खैर जैसा कि मैंने पहले ही कहा कि आम आदमी पार्टी, भाजपा के ढंग की ही राजनीती करती है और हो भी क्यों न. केजरीवाल उसी अन्ना आंदोलन के प्रोडक्ट हैं जिसने उस समय के CAG विनोद राय के झूठे अनुमानों, जिन्हें भाजपा और अन्ना हज़ारे और उनके साथियों जिसमें केजरीवाल मुख्य भूमिका में थे, भ्रष्टाचार का नाम दिया गया था और मनमोहन सरकार को उखाड़ फेंका गया था। आज ये सभी मनमोहन सिंह की मौत पर शोक जता रहे हैं और अपनी गलतियों का एहसास कर रहे हैं. खैर भाजपा की ही खाद पानी से राजनीतिक रूप से बड़े हुए अरविन्द केजरीवाल और फली फूली आम आदमी पार्टी, भाजपा और उसके नेतृत्व की नस नस से वाकिफ है, इसी लिए आज AAP के नेता भाजपा को नंगा करने के लिए खुद उस मुख्यमंत्री आवास पहुँच गए जो अब LG के कब्ज़े में है. आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज बाकायदा एलान करके मुख्यमंत्री आवास में सोने का टॉयलेट , स्वीमिंग पूल और आधुनिक बार ढूंढने पहुँच गए, कि भाजपा जिस शीशमहल की बात कर रही है और CAG के हवाले से जिन चीज़ों के होने के दावे कर रही है, आखिर हम भी तो देखें कि वो सब कहाँ पर हैं जो हमें नहीं दिखाई दिए. दिल्ली की जनता को भी इस बात का अधिकार है कि भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री आवास को शीशमहल प्रचारित करने के पीछे उद्देश्य क्या है, उसे भी तो सोने का टॉयलेट देखने का हक़ है लेकिन LG साहब हमें न तो अंदर जाने दे रहे हैं और न ही मीडिया को अंदर जाने की इजाज़त दे रहे हैं. आप नेताओं ने कहा कि भाजपा जो आरोप लगा रही है, हम भी तो यही चाहते हैं कि वो सोने का टॉयलेट, स्वीमिंग पूल और बार जनता भी देखे, उसकी लाइव फुटेज देखे।
आप नेता फिर इसके बाद उस मुद्दे पर आये जिसकी तैयारी वो करके आये थे. उनका कहना था कि शीश महल के दर्शन करने के बाद जनता को राजमहल के भी दर्शन कराने हम ले जायेंगे ताकि पता चले 2700 करोड़ की लागत से बन रहे राजमहल में क्या सुविधाएँ हैं, वहां के टॉयलेट कैसे हैं, मोदी जी के लिए स्वीमिंग पूल बना है या नहीं, बार है या नहीं। AAP के मुंहफट नेता संजय सिंह तो और भी आगे बढ़ गए, संजय सिंह ने कहा, कि आज वह भाजपा के झूठ का पर्दाफाश ज़रूर करेंगे, उनके 5000 हजार जूते, 200 करोड़ के झूमर, 300 करोड़ की कालीन, 10-10 लाख के पेन को हम भी देखने चलेंगे और मीडिया की मदद से दिल्ली की जनता को भी दिखाएंगे कि असली शीशमहल कौन सा है. संजय सिंह यहीं पर नहीं रुके, आगे उन्होंने कहा कि राजमहल में रहने की तैयारी कर रहे मोदी जी तो 8000 करोड़ के जहाज में चलते हैं. वैसे तो शीशमहल को चुनावी मुद्दा भाजपा ने बनाया लेकिन आज आम आदमी पार्टी ने जिस तरह इसे और हवा दी उससे यही लगता है कि ये शीशमहल का मुद्दा उसके बड़े काम का है क्योंकि इसके सहारे वो प्रधानमंत्री मोदी को सीधे टारगेट कर सकती है. सौरभ भारद्वाज ने बड़ी अच्छी बात कही. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी तो चाहती थी कि विधानसभा चुनाव बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास के मुद्दे पर लड़ा जाय लेकिन भाजपा चाहती है कि चुनाव शीशमहल के मुद्दे पर हो तो फिर ठीक है इस बार का चुनाव शीशमहल बनाम राजमहल ही सही. भाजपा द्वारा प्रचारित शीशमहल का सच जनता के सामने लाया जाए और साथ ही 2700 करोड़ की लागत से बनने वाले प्रधानमंत्री आवास का भी सच जनता के सामने रखा जाय और दिल्ली को जनता को फैसला करने दिया जाय कि मुख्यमंत्री आवास क्या वास्तव में शीश महल है या फिर प्रधानमंत्री आवास को एक राजमहल का रूप दिया जा रहा है.