बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में अबतक तीन टेस्ट मैच खेले जा चुके हैं. भारत 2-1 से आगे है. तीनों टेस्ट मैचों में स्पिनर्स का बोलबाला रहा. भारत की जीत में भी और ऑस्ट्रेलिया की जीत में भी. तेज़ गेंदबाज़ों को ज़्यादा मौका ही नहीं मिला। जहाँ तक बल्लेबाज़ों की बात है तो तीनों टेस्ट मैचों में सिर्फ एक शतक आया है. यह शतक नागपुर टेस्ट में कप्तान रोहित के बल्ले से आया था, यह अलग बात है कि उन्हें कई जीवदान भी मिले थे. तीनों टेस्ट मैचों में सिर्फ सात पचास बनाये गए, 4 भारत की तरफ से और तीन ऑस्ट्रेलिया की तरफ से. इससे आसानी से समझा जा सकता है कि श्रंखला में अबतक बल्लेबाज़ों की कितनी दयनीय दशा रही है।
ऑस्ट्रेलिया नहीं करेगी कोई बदलाव
बात करते हैं अहमदाबाद की तो जहाँ तक ऑस्ट्रेलिया की बात है तो वहां कोई तब्दीली होते नहीं दिख रही है. उनके पास मैच के लायक जितने उपलब्ध गेंदबाज़ है वो पिछले मैच में खेले हैं फिर चाहे वो तेज़ गेंदबाज़ी हो या स्पिन आक्रमण। स्पिन आक्रमण को तो कंगारू वैसे भी नहीं छेड़ेंगे, तेज़ गेंदबाज़ी में भी स्टार्क और कैमरून ग्रीन में भी कोई बदलाव नहीं होता दिखता है, बल्लेबाज़ी में ऑस्ट्रेलिया के पास जितने भी विकल्प है वो सब टीम में मौजूद हैं, इसलिए वहां भी कोई तब्दीली नहीं होनी है.
के एस भरत ने किया मायूस
भारत की बात करें तो टीम में मोहम्मद शामी का आना तय है, शामी के आने के मतलब मोहम्मद सिराज को बाहर बैठना होगा क्योंकि इंदौर टेस्ट में उमेश यादव ने एक शानदार स्पेल किया था जिसमें तीन विकेट निकाले थे और ऑस्ट्रेलिया को बड़ा स्कोर बनाने से रोक दिया था. जहाँ तक बल्लेबाज़ी की बात है तो नागपुर में कप्तान रोहित के सैकड़े को छोड़ दें तो टॉप आर्डर पूरी तरह नाकाम ही कहा जायेगा। सूर्या की जगह टीम में आये श्रेयस अय्यर भी दोनों मैचों में नाकाम रहे, इसके अलावा श्रीकर भरत को बड़ी उम्मीदों से पंत की जगह दी गयी थी लेकिन बल्ले से वो पूरी तरह नाकाम नज़र आये ऐसे में उनकी पोजीशन डांवाडोल है और हो सकता है कि अहमदाबाद में भरत की जगह बेंच पर बैठे ईशान किशन को मौका मिल जाय, साथ में यह भी हो सकता है कि सूर्यकुमार की वापसी हो.