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शामी-बुमराह का तूफ़ान, उड़ गए अंग्रेज़

आर्टिकल/इंटरव्यूशामी-बुमराह का तूफ़ान, उड़ गए अंग्रेज़

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अमित बिश्‍नोई

नफासत और नज़ाकत के शहर लखनऊ में रोहित सेना ने जिस बेरहमी से अंग्रेज़ों को शिकस्त दी है, आप यही कह सकते हैं कि मेहमानों के साथ दुश्मन की तरह बर्ताव किया गया, यहाँ पहले आप पहले आप की जगह पहले हम का फार्मूला अपनाया गया. टीम इंडिया ने कोई रहम नहीं दिखाया और जीत का छक्का लगाते हुए विश्व कप में अपने अजेय यात्रा को जारी रखा. साबित कर दिया कि ये टीम कुछ ख़ास है, जो हर स्थिति, हर परिस्थिति के लिए तैयार है, दिखा दिया कि हम अच्छे चेज़ मास्टर ही नहीं बहुत अच्छे डिफेंडर भी हैं. लखनऊ का ये मैच भारतीय गेंदबाज़ों के लिए एक टेस्ट था जिसमें वो डिस्टिंक्शन के साथ कामयाब हुए. क्या शामी, क्या बुमराह, क्या कुलदीप और क्या जडेजा, जिसको गेंद थमाई गयी उसने तहलका मचा दिया। बुमराह को पहले से कोई भी नहीं छू पा रहा था, शामी ने टीम में आकर और भी ग़दर मचा दिया। दो मैचों में 9 विकेट लेकर बता दिया कि टीम में उनपर सिराज को प्राथमिकता देना एक गलती है.

खैर यह विषय फिर कभी, अभी तो जश्न मनाने का मौका है, इतनी अच्छी टीम परफॉरमेंस कि जब लगने लगे कि इस टीम को हराना मुश्किल ही नामुमकिन है, ऐसा इससे पहले कब लगा था, याद नहीं पड़ता। क्लाइव लॉयड की कप्तानी वाली वेस्टइंडीज टीम के बारे में ज़रूर ऐसा कहा जाता था कि इस टीम को हराना बहुत मुश्किल है. टीम इंडिया की जहाँ तक बात है गांगुली हो या धोनी, उनकी टीमों ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन ऐसी झलक उनके ज़माने में भी नहीं दिखी थी. आज कहा जा सकता है कि इस विश्व कप में उसे खिताब हासिल करने से रोकने वाली कोई टीम नहीं है. ये टीम अगर ऐसा न कर सकी तो यकीनन वो कोई बुरा दिन ही हो सकता है वरना टीम इंडिया के आसपास भी कोई नहीं दिख रहा है. आज की जीत के बाद उसके 12 अंक हो चुके हैं और एकबार फिर वो अंक तालिका में पहले नंबर पर विराजमान हो चुकी है, ये भी कह सकते हैं कि भारत सेमीफाइनल में पहुँच चुका है।

मैच से पहले ये तय था कि टॉस अगर रोहित ने जीता तो भारत पहले बल्लेबाज़ी करेगा और लक्ष्य की रक्षा करने की ज़िम्मेदारी गेंदबाज़ों के ऊपर होगी। भारत ने अपने पहले पांच मैच लक्ष्य का पीछा करते हुए जीते थे, ऐसे में ये ज़रूरी था कि गेंदबाज़ों का भी इम्तेहान हो क्योंकि टॉस आपके बस में नहीं। यह अलग बात है कि टॉस हारने के बावजूद रोहित की मुराद पूरी हो गयी और बटलर ने वो फैसला किया जो भारत चाहता था, रोहित को अपने गेंदबाज़ों को परखने का मौका मिल गया. इत्तेफ़ाक़ से टोटल भी ज़्यादा नहीं बना. भारतीय गेंदबाज़ों को 229 रनों का टोटल ही डिफेंड करना था जो एक कठिन परीक्षा थी, नॉक आउट दौर में जाने से पहले गेंदबाज़ों के टेस्ट का इससे मुनासिब और इससे बेहतर मौका और कोई नहीं हो सकता था और हमारे गेंदबाज़ों ने इंग्लैंड की टीम को मात्र 129 रनों पर ढेर करके वो भी सिर्फ 34.5 ओवर्स में, यह कठिन परीक्षा बड़े शानदार ढंग से पास कर ली. बुमराह और शामी ने गेंदबाज़ी का ऐसा शानदार नमूना पेश किया जो इस विश्व कप में अनोखा ही कहा जायेगा क्योंकि ये विश्व कप अभी तक बैटिंग डोमिनेटेड रहा है. इस विश्व कप में अबतक 29 मैच खेले जा चुके हैं और लगभग सभी मैचों में गेंदबाज़ों की बड़ी पिटाई हुई है सिवाय भारतीय गेंदबाज़ों के. इस विश्व कप में भारतीय बल्लेबाज़ी अबतक जितनी लय में नज़र आ रही है, गेंदबाज़ भी उनसे कहीं पीछे नहीं हैं।

कहा जा रहा है कप्तान रोहित शर्मा का दूसरा रूप है, रोहित-2.0 जो गेंदबाज़ों के लिए बड़ा बेरहम है और ये नज़र आ रहा है. रोहित शर्मा सामने से नेतृत्व कर रहे हैं. दिखा रहे हैं कि एक सफल सेना का सेनापति कैसा होना चाहिए। आज भी मुश्किल हालात में उनका वही रूप दिखा। 229 के स्कोर में उनकी 87 रनों की पारी ने आगे आने वाले बल्लेबाज़ों को राह दिखाई। यही वजह है कि अपने स्वभाव के विपरीत सूर्यकुमार 49 रनों की बहुमूल्य पारी खेल सके. के एल राहुल ने कप्तान का उम्दा साथ निभाया और 91 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी निभाई जिसने एक सम्मानजनक लक्ष्य तक पहुँचने में मदद की, यहाँ तक कि बुमराह और कुलदीप यादव भी मुश्किल विकेट पर 21 कीमती रन बनाने में कामयाब हुए और बताया कि मुश्किल वक्त में वो गेंदबाज़ी के साथ बल्ले से भी योगदान दे सकते हैं और यही एक कामयाब टीम की सही पहचान होती है जो अपने कप्तान और बाकी टीम का हौसला बढ़ाती है।

भारत को अब तीन मैच और खेलने हैं जो श्रीलंका, साउथ अफ्रीका और नीदरलैंड से हैं. कह सकते हैं कि साउथ अफ्रीका से एक कड़ा मुकाबला हो सकता है क्योंकि उसकी बल्लेबाज़ी सुपर फॉर्म में नज़र आ रही है लेकिन देखना होगा कि शामी, बुमराह और कुलदीप के आगे उनकी सुपर फॉर्म बरकरार रहती है या फिर सुपर फ्लॉप साबित होती है। यकीनन भारतीय गेंदबाज़ों की आज की परफॉरमेंस को देखकर डिकॉक, मारक्रम, क्लासन और मिलर परेशान ज़रूर हुए होंगे। इस मैच में भारतीय गेंदबाज़ों ने परफेक्ट 10 हासिल किये हैं. फिलहाल टीम इंडिया की परफॉर्मन्स का मज़ा उठाने का समय है, लखनऊ वालों ने खूब उठाया और उम्मीद है कि आगे मुंबई, कोलकाता और बंगलुरु के लोग भी उठाएंगे जहाँ अगले तीन मैच होने वाले हैं।

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