आखिरकार तमाम आनाकानी के बाद SBI को 24 घंटे में इलेक्टोरल बांड का सारा लेखा जोखा चुनाव आयोग को सौंप दिया। कल सुप्रीम कोर्ट में फटकार लगने और अवमानना की चेतावनी के बाद स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के पास कोई विकल्प नहीं बचा था. ये वही SBI है जो लेखा जोखा देने के लिए 30 जून तक समय मांग रहा था लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट का डण्डा चला तो 24 घंटे में ही सब सौंप दिया। अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक चुनाव आयोग को अपनी वेबसाइट पर इस पूरे डाटा को 15 मार्च तक अपलोड करना है, यानि अगले चार दिन में. अब देखना है कि चुनाव आयोग इसके लिए कोई समय की मांग न कर बैठे.
दरअसल चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए मोदी सरकार की चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया था। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने चुनावी बॉन्ड जारी करने वाले बैंक SBI से कहा था कि वो 12 अप्रैल 2019 से अबतक खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का डिटेल चुनाव आयोग को सौंप दें। अदालत ने इसके लिए बैंक को 6 मार्च तक का समय दिया था. SBI ने 4 मार्च को शीर्ष अदालत से कहा कि वो तय समय सीमा के भीतर जानकारी देने में असमर्थ है, इसके लिए उसे 30 जून तक समय दिया जाय जिसपर 11 मार्च को शीर्ष अदालत ने सुनवाई की और SBI की सभी दलीलों को ठुकराते हुए याचिका ख़ारिज कर दी.
शीर्ष अदालत ने SBI से कई सख्त सवाल पूछे , जिसका उसके पास कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं था। शीर्ष अदालत ने इसके बाद स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया को फटकार लगाते हुए 24 घंटे के अंदर इलेक्टोरल बांड का सारा डाटा चुनाव आयोग को सौंपने को कहा और ऐसा न करने पर अवमानना का केस चलाये जाने की चेतावनी दी, साथ ही चुनाव आयोग को निर्देश दिया किया SBI से मिले चुनाव चंदे के लेखा जोखा को अपनी वेबसाइट पर 15 मार्च तक अपलोड करे. अब चुनाव आयोग को चुनावी चंदे का ब्यौरा सार्वजनिक करना होगा। लोगो को इंतज़ार होगा कि SBI ने कितना डाटा शेयर किया है और किस रूप में.