छठे चरण के मतदान से एकदिन पहले समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान और उनके परिवार को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. फ़र्ज़ी बर्थ सर्टिफिकेट मामले में आज़म खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आज़म को ज़मानत मिल गयी है इसके अलावा सात साल की सजा पर भी रोक लगा दी है. तन्ज़ीन फातिमा और अब्दुल्ला आज़म तो जेल से बाहर आ जायेंगे लेकिन आज़म खान को अभी जेल में ही रहना पड़ेगा क्योंकि एक और मामले में सात साल की सजा काट रहे हैं, वो मामला भी अदालत में चल रहा.
बता दें कि आज़म खान के धुर विरोधी भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने आज़म, अब्दुल्ला और तंजीन के खिलाफ 3 जनवरी 2019 को रामपुर के गंज पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 193, 420, 467, 468 और 471 के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी. FIR में आरोप लगया गया गया था कि आज़म खान और उनकी पत्नी ने बेटे अब्दुल्ला आज़म का जन्म प्रमाणपत्र 2012 में बनवाया था वहीँ दूसरा जन्म प्रमाणपत्र 2015 में लखनऊ नगर निगम से जारी करवाया था. आज़म खान के परिवार था कि इन लोगों ने दो जन्म प्रमाण पत्रों की मदद से दो पैन कार्ड और दो पास अलग अलग पासपोर्ट बनवाये, जिनका दुरूपयोग किया गया.
रामपुर पुलिस ने इस मामले की जांच करके अपनी चार्जशीट में आईपीसी की धारा 120 बी के तहत तीनों को आरोपी बनाया. 26 फरवरी 2020 को रामपुर कोर्ट में आज़म खान ने पत्नी तंजीन और बेटे अब्दुल्ला के साथ इस मामले में सरेंडर कर दिया और कोर्ट ने तीनों को जेल भेज दिया. आज़म खान को इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से 27 महीने बाद जमानत मिली. आज़म खान के परिवार ने सज़ा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन याचिका दाखिल कर सज़ा को रद्द करते हुए सभी को दोषमुक्त किये जाने की अपील की. इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में कर रही थी. आज अदालत ने आजम खान के परिवार को राहत दे दी.