स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम ने उत्तर प्रदेश सरकार को अपनी रिपोर्ट में 13,000 मदरसों को तत्काल प्रभाव से बंद करने की सिफारिश की है। रिपोर्ट आने के बाद योगी सरकार के मुख्यमंत्री बृजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि इस रिपोर्ट के आने बाद किसी भी अवैध गतिविधि पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, सरकार का पक्ष रखते हुए दोनों ने कहा कि शिक्षा के बहाने देश विरोधी गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जाएँगी, जांच में जो भी दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
इस रिपोर्ट में एसआईटी ने माना है कि इन 13,000 मदरसों को गैर-कानूनी रुप से ऑपरेट किया जा रहा है, ये सभी मदरसे उस फंडिंग का सोर्स बताने में असफल रहे जिनकी मदद से मदरसों को चलाया जा रहा था. रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकांश मदरसे श्रावस्ती, महाराजगंज और बहराइच जिले के अंतर्गत आते हैं। रिपोर्ट में SIT ने ये भी बताया कि इन मदरसों की फंडिंग पार्दर्शी नहीं और इन मदरसों के प्रबंधकों ने वित्तीय रिकॉर्ड दिखाने में असफल रहे हैं।
एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक मदरसा बोर्ड के खिलाफ कार्रवाई बनती है। बता दें कि 2023 में उत्तर प्रदेश योगी सरकार ने राज्य भर में चल रहे इन मदरसों की जांच करने के लिए SIT का गठन किया था। अब लोकसभा चुनाव से ठीक पहले SIT ने अपनी रिपोर्ट को दाखिल किया है. विपक्ष ने इस रिपोर्ट के दाखिल करने की टाइमिंग पर सवाल उठाये हैं, विपक्ष के नेताओं का कहना है कि इस रिपोर्ट के बहाने भाजपा ध्रूवीकरण की राजनीती करने की कोशिश कर रही है.