भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो रेट में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किए जाने की घोषणा को रियल्टी सेक्टर को फायदा होगा, ऐसी प्रतिक्रिया रियल्टी कंपनियों की तरफ से आयी है. इन कंपनियों कहना है कि रेपो रेट में बदलाव न करने के फैसले से कर्ज की लागत स्थिर रहेगी, इससे घर खरीदारों के लिए फैसला करना आसान होगा।
नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल’ (नारेडको) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरि बाबू का कहना है कि रेपो दर में बदलाव न करने का फैसला देश की आर्थिक बुनियाद में भरोसे को दर्शाता है। वित्त वर्ष 2024-25 में सात प्रतिशत की दर से वृद्धि का अनुमान भी रियल एस्टेट सेक्टर में वृद्धि के लिए अच्छा संकेत है। क्रेडाई-एनसीआर के अध्यक्ष मनोज गौड़ के मुताबिक रेपो दर को लगातार स्थिर रखने का फैसला रियल एस्टेट जगत के लिए अच्छा संकेत है। सीबीआरई चेयरमैन और सीईओ अंशुमन मैगजीन ने का कहना है कि आरबीआई का यह लगातार रुख मुद्रास्फीति के दबाव के बीच मूल्य स्थिरता के प्रबंधन पर जोर देता है। यह मकान खरीदने के इच्छुक लोगों के लिए अच्छी खबर है।
वहीँ कोलियर्स इंडिया के वरिष्ठ निदेशक विमल नादर ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए यह फैसला निरंतरता और भरोसे की भावना प्रदान करता है। यह भविष्य के निवेश और विकास पहलों को ठोस आधार भी देगा। इसके अलावा यह मासिक किस्त पर निर्भर खरीदारों की मकान खरीदने की इच्छा को भी बल देगा। काउंटी ग्रुप के निदेशक अमित मोदी का मानना है कि यह फैसला रियल एस्टेट जगत के लिए फायदेमंद है। आरबीआई का यह फैसला निवेशकों और मकान खरीदारों दोनों के लिए अच्छा साबित होगा। साया ग्रुप के चेयरमैन विकास भसीन ने आरबीआई के इस कदम स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम इस क्षेत्र में निवेश की इच्छुक कंपनियों और संभावित खरीदारों दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा। वहीँ एमआरजी ग्रुप के प्रबंध निदेशक रजत गोयल ने इस फैसले को रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए बड़ी राहत बताया है।