नई दिल्ली। महंगाई के खिलाफ अभी लड़ाई खत्म नहीं हुई है। यह कहना है आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास का। आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक में अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि एक साल में मौद्रिक नीति को लेकर जो कदम उठाए गए हैं उसका असर अभी जारी है। उन्होंने कहा महंगाई के खिलाफ लड़ाई अभी जारी है। उस पर करीब से नजर बनाए रखने की आवश्यकता है। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के ब्योरे में दास ने कहा कि भले ही रेपो दर में वृद्धि नहीं की गई है, लेकिन महंगाई के खिलाफ जारी युद्ध अभी जीता नहीं गया है।
2023—24 में महंगाई में नरमी का अनुमान
ब्योरे के अनुसार, एमपीसी की तीन से छह अप्रैल को हुई बैठक में दास ने कहा, 2023-24 में महंगाई में नरमी का अनुमान है। लेकिन, इसके लक्ष्य के दायरे में आने की अवधि धीमी व लंबी हो सकती है। 2023-24 की चौथी तिमाही में महंगाई के कम होकर 5.2 फीसदी आने का अनुमान है, जो अब भी लक्ष्य से ज्यादा है। इसलिए, मेरा मानना है कि रेपो दर को अपरिवर्तित रखने को लेकर सोच-विचारकर कदम उठाया गया है।
दरअसल, केंद्रीय बैंक ने इस महीने की शुरुआत में पेश मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा। आरबीआई ने महंगाई पर काबू पाने के लिए पिछले साल मई से लेकर कुल छह बार में रेपो दर में 2.50 फीसदी की बढ़ोतरी की थी।
चुनौती बना हुआ है मानसून
एमपीसी के सदस्य जयंत आर वर्मा ने कहा, ओपेक देशों का क्रूड के उत्पादन में कटौती का फैसला और मानसून चुनौती बना हुआ है। उन्होंने कहा, उत्पादन में कटौती से ज्यादा खतरनाक वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के कारण मांग में कमी है।
इसका असर आपूर्ति पर पड़ रहा है। कच्चा तेल अगर 100 डॉलर प्रति बैरल के पार जाता है तो आरबीआई को इसे ध्यान में रखते हुए उचित कदम उठाना होगा। वहीं, एमपीसी की एक और सदस्य आशिमा गोयल ने कहा, आरबीआई की ओर से उठाए गए कदमों का असर दिखने लगा है।